मधेपुरा: भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में एक के बाद एक चौंकाने वाले फर्जीवाड़ा उजागर हो रहा है. विवि अंतर्गत केबी झा कॉलेज कटिहार व पीएस कॉलेज मधेपुरा में जेल अवधि के दौरान वेतन भुगतान लेने व उपस्थिति पंजी पर उपस्थिति दर्ज करने से जुड़ा है. केबी झा कॉलेज कटिहार के दो प्रोफेसर हत्या सहित अन्य मामलों में सजायाफ्ता हैं, लेकिन इस दौरान भी उन्हें कॉलेज से निलंबन के बजाय वेतन भुगतान हुआ. जेल अवधि को मेडिकल लीव के आधार पर वेतन भुगतान किया गया.
कॉलेज से बिना सूचना के गायब, लगाया मेडिकल लीव : केबी झा कॉलेज कटिहार के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर कीर्ति नाथ झा को पत्नी की हत्या का अभियुक्त बताते हुए विवि प्रशासन ने फरार घोषित कर दिया है. फरार प्रोफेसर कीर्तिनाथ झा के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करने के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की गयी है. इसी कॉलेज में कार्यरत प्राचीन इतिहास के विभागाध्यक्ष डॉ कुमार गंगानंद सिंह तीन वर्ष पूर्व लंबी अवधि तक कॉलेज से बिना सूचना के गायब रहे. तब तत्कालीन प्राचार्य डॉ संजीव कुमार ने डॉ कुमार के वेतन पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा था. इसका जवाब देते हुए डॉ कुमार ने मेडिकल लीव लगा कर उक्त अवधि का वेतन भुगतान ले लिया. विवि सूत्रों की मानें तो डॉ कुमार इस अवधि में कुछ दिन के लिए जेल भी गये थे. फिलहाल इस मामले में विवि प्रशासन अनभिज्ञ है. डॉ कुमार के वेतन भुगतान को विवि स्तर से हरी झंडी दी गयी थी. कुलानुशासक डॉ बीएन विवेका ने कहा कि प्रोफेसर कीर्तिनाथ झा के मामले में जांच चल रही है. वहीं प्रोफेसर डॉ कुमार गंगानंद सिंह के मामले को विवि प्रशासन संज्ञान में लेते हुए डॉ कुमार के कॉलेज से गायब अवधि व मेडिकल रिपोर्ट की उच्च स्तरीय जांच करायेगी.
जेल जाने की तिथि को नहीं किया स्पष्ट : पीएस कॉलेज मधेपुरा में कार्यरत कर्मचारी भवनाथ यादव 30 अप्रैल से 15 मई तक जेल में बंद थे. इस मामले में जब प्राचार्य ने भवनाथ यादव से स्पष्टीकरण मांगा तो उन्होंने 15 मई तक जेल में रहने की बात कही. लेकिन जेल जाने की तिथि को भवनाथ ने स्पष्ट नहीं किया. जबकि वह 30 अप्रैल से जेल में बंद था. भवनाथ के स्पष्टीकरण के साथ संलग्न कोर्ट के कागजात पर स्पष्ट है कि वह 30 अप्रैल से जेल में बंद था, लेकिन दो मई को कॉलेज उपस्थिति पंजी पर भवनाथ यादव की उपस्थिति दर्ज रहने से कॉलेज प्रशासन सकते में है. हालांकि इस मामले में प्राचार्य ने पुन: भवनाथ यादव से स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं प्राचार्य ने इसकी लिखित जानकारी विवि प्रशासन को दे दी है.
48 घंटे न्यायिक हिरासत में रहने वाले कर्मचारी व शिक्षक का होना है निलंबन : सरकारी नियमानुसार अगर कोई सरकारी कर्मचारी 48 घंटे भी न्यायिक हिरासत में रहता है, तो उनके खिलाफ तुरंत निलंबन की कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन विवि अंतर्गत के बी झा कॉलेज कटिहार व पीएस कॉलेज मधेपुरा में जेल काट चुके प्रोफेसर व कर्मचारी के खिलाफ अब तक इस प्रकार की कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की गयी है. हालांकि प्रोफेसर कीर्ति नाथ झा के मामले में विवि प्रशासन ने जांच समिति का गठन कर लिया है. लेकिन केबी झा कॉलेज कटिहार के प्रोफेसर डॉ कुमार गंगानंद सिंह व पीएस कॉलेज मधेपुरा के कर्मचारी भवनाथ यादव के मामले में विवि अनभिज्ञ है. हालांकि कर्मचारी के मामले में पीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजीव सिन्हा ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है.
कुलानुशासक डॉ बीएन विवेका को बनाया गया समन्वयक : प्रो कीर्ति नाथ झा के खिलाफ बनाये गये जांच समिति के समन्वयक कुलानुशासक डॉ बीएन विवेका बनाये गये हैं. वहीं समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल कांत मिश्र व उप कुलसचिव अकादमी डॉ नरेंद्र श्रीवास्तव जांच समिति के सदस्य होंगे. इस संबंध में विवि से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि कीर्ति नाथ झा अपनी पत्नी की हत्या के आरोप 13 दिनों तक जेल भुगत चुके हैं. हत्या के आरोपी कीर्ति नाथ झा स्थानांतरित एचपीएस कॉलेज निर्मली से फरार हैं. परंतु तत्कालीन प्राचार्य के द्वारा निर्धारित समय के भीतर सूचना नहीं दिये जाने के कारण उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई नहीं की जा सकी. जबकि प्रो कीर्ति नाथ झा जमानत मिलने के बाद महाविद्यालय से भी फरार हैं. गौरतलब है कि जिस अवधि में कीर्ति नाथ झा ने जेल काटा था, वे केबी कॉलेज कटिहार में भौतिकी विभाग के प्रोफेसर थे. लेकिन हाल फिलहाल में उनका स्थानांतरण एचपीएस कॉलेज निर्मली कर दिया गया था.
पुन: मांगा गया है स्पष्टीकरण : कर्मचारी भवनाथ यादव ने स्पष्टीकरण का जवाब देते हुए कहा है कि वह पांच मई से 15 मई तक जेल में थे, लेकिन भवनाथ द्वारा 02 मई को उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर करने के मामले में कॉलेज प्रशासन ने संज्ञान लिया है. भवनाथ से पुन: स्पष्टीकरण मांगा गया है कि वह जेल अवधि की तिथि साक्ष्य के साथ स्पष्ट करें. हालांकि मौखिक रूप से भवनाथ ने कहा है कि वह दो की रात ही गिरफ्तार हो गया था.
डॉ राजीव सिन्हा, प्राचार्य, पीएस कॉलेज, मधेपुरा
योगदान के बाद मामला संज्ञान में आया : दोनों मामला काफी पूर्व का है. एक जुलाई को कॉलेज प्रभारी इंचार्ज के रूप में योगदान लेने के बाद यह मामला संज्ञान में आया है. प्रोफेसर कीर्ति नाथ झा के मामले में वस्तुस्थिति से कॉलेज ने विवि प्रशासन को लिखित रूप से अवगत करा दिया है. वहीं प्रो कुमार गंगानंद सिंह के कॉलेज से गायब अवधि की जांच एक से दो दिन में शुरू कर दी जायेगी, इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
मो इकराम, प्राचार्य, केबी झा कॉलेज, कटिहार
वेतन रोक मांगा गया था स्पष्टीकरण : तीन वर्ष पूर्व करीब आठ से नौ महीने तक प्रो कुमार गंगानंद सिंह कॉलेज से गायब रहे थे. इस मामले में प्रो सिंह का वेतन रोक कर स्पष्टीकरण मांगा गया. उनके जवाब के साथ संलग्न मेडिकल रिपोर्ट विवि प्रशासन को अनुशंसित कर दिया गया है. विवि से वेतन भुगतान से संबंधित निर्देश मिलने के बाद प्रो सिंह का भुगतान किया गया.
डा संजीव कुमार, तत्कालीन प्राचार्य केबी झा कॉलेज कटिहार व प्राचार्य पूर्णिया कॉलेज पूर्णिया
पत्नी की हत्या के आरोपी प्रोफेसर कीर्ति नाथ झा के खिलाफ विवि प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. डॉ कुमार गंगानंद सिंह के वेतन भुगतान मामले में कुलपति से बातचीत के बाद कार्रवाई शुरू होगी. प्रो कीर्ति झा व पीएस कॉलेज के कर्मचारी भवनाथ यादव के मामले में जांच कर निलंबन की प्रक्रिया विवि प्रशासन करेगी.
डॉ जय प्रकाश नारायण झा, प्रभारी कुलपति सह प्रतिकुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा
कीर्ति नाथ झा के मामले में विवि प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. इनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होना निश्चित है. डॉ कुमार गंगानंद सिंह के वेतन भुगतान का मामला संज्ञान में आया है. जिस अवधि में मेडिकल लीव लगा कर वेतन भुगतान लिया गया है, उस अवधि की जांच विवि प्रशासन करायेगी. दोनों मामला काफी गंभीर है, विवि प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगी.
डॉ बीएन विवेका, कुलानुशासक, बीएनएमयू, मधेपुरा