सामुदायिक विकास भवन में चल रहा कार्यालय जनप्रतिनिधि संवेदन हीनसामाजिक कार्यकर्ता खामोशप्रतिनिधि, उदाकिशुनगंजउदाकिशुनगंज को अनुमंडल का दर्जा मिले 32 वर्ष गुजर गये, लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण अब तक अपना भवन भी नसीब नहीं हो सका है. 21 मई 1983 को अनुमंडल का दर्ज दिया गया था. उस समय आनन-फानन में एसबीजेएस हाइस्कूल के छात्रावास में अनुमंडल कार्यालय सिफ्ट करा दिया गया. छात्रावास भवन जर्जर होते देख 1995 में विधायक मद की राशि से सामुदायिक विकास भवन का निर्माण करा कर अनुमंडल कार्यालय को उसी भवन में चालू किया गया. सात कमरों के उक्त भवन में कार्यों का निष्पादन करने में कठिनाई का सामना करना अधिकारियों की मजबूरी बनी रही है. अनुमंडल के दो विधान सभा के क्षेत्र के विधायक सत्ता धारी दल से जुड़े रहने के कारण मंत्री पद पर भी आसिन रहे है. फिर भी अनुमंडल कार्यालय के लिए भवन निर्माण कराने की पहल सरकारी स्तर पर नहीं कर पाये. वैसे सरकार ही मेहरबान रही है कि एक साथ सभी पदाधिकारियों का पद स्थापन कभी नहीं की. अन्यथा कार्यालय के लिए पदाधिकारियों के बीच मारामारी होती रहती. वर्तमान में एसडीओ व एलआरडीसी ही पद स्थापित है. भवन निर्माण के लिए स्थानीय लोग भी कभी आवाज उठाने की जरूरत महसूस नहीं की. यानी की जिस तरह यहां के जनप्रतिनिधि संवेदनहीन है. उसी तरह यहां प्रबुद्ध नागरिक भी रचनात्मक कार्य से अपने आप को अलग रखे हुए है. एसडीओ को छोड़ अन्य पदाधिकारी कर्मचारी के लिए आवासीय सुविधा भी नहीं है.इस तरह लगता है अनुमंडल का दर्जा दे कर भूल गयी है.
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32 वर्ष बाद अनुमंडल कार्यालय को भवन नहीं हो सका नसीब
सामुदायिक विकास भवन में चल रहा कार्यालय जनप्रतिनिधि संवेदन हीनसामाजिक कार्यकर्ता खामोशप्रतिनिधि, उदाकिशुनगंजउदाकिशुनगंज को अनुमंडल का दर्जा मिले 32 वर्ष गुजर गये, लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण अब तक अपना भवन भी नसीब नहीं हो सका है. 21 मई 1983 को अनुमंडल का दर्ज दिया गया था. उस समय आनन-फानन में एसबीजेएस हाइस्कूल के छात्रावास […]
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