मधेपुरा : धूम्रपान जैसे व्यसनों से नौनिहालों को दूर रखने व आम आदमी के लिए इनकी उपलब्धता मुश्किल बनाने के लिए शिक्षण संस्थानों, धार्मिक स्थलों, सरकारी कार्यालयों व सार्वजनिक स्थानों से सौ मीटर की परिधि में गुटखा व सिगरेट-बीड़ी की बिक्री पर प्रतिबंध है, लेकिन मधेपुरा के रेलवे परिसर में आज भी स्टेशन परिसर के अंदर यह कारोबार चल रही है.
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रेलवे परिसर में तंबाकू पुलिस का डर खत्म
मधेपुरा : धूम्रपान जैसे व्यसनों से नौनिहालों को दूर रखने व आम आदमी के लिए इनकी उपलब्धता मुश्किल बनाने के लिए शिक्षण संस्थानों, धार्मिक स्थलों, सरकारी कार्यालयों व सार्वजनिक स्थानों से सौ मीटर की परिधि में गुटखा व सिगरेट-बीड़ी की बिक्री पर प्रतिबंध है, लेकिन मधेपुरा के रेलवे परिसर में आज भी स्टेशन परिसर के […]
जिन्हे हटाने के लिए पुलिस व प्रशासन ने कभी सख्ती नहीं दिखाई. अब हालात यह है कि प्रतिबंधित स्थानों के परिसर तक में इनकी घुसपैठ हो चुकी है व रेलवे स्टेशन समेत कई अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी खुलेआम तंबाकू बेचा जा रहा है.
सरेआम धूम्रपान करने पर भी नहीं लगायी जा रही है रोक : कोटपा अधिनियम की धारा चार के अंतर्गत धूम्रपान का प्रतिबंध व अधूम्रपायी व्यक्तियों के स्वास्थ्य का संरक्षण अधिनियम में सार्वजनिक स्थलों, चिकित्सालयों, शिक्षण संस्थानों व धार्मिक स्थलों के आसपास सौ मीटर क्षेत्र में सिगरेट, बीड़ी, गुटखा आदि का भंडारण, विक्रय या वितरण निषेध है.
ऐसा करने वालों को पुलिस गिरफ्तार कर मुकद्दमा दर्ज कर सकती है. अधिनियम का उल्लंघन करने वाले पर सौ रुपए से पांच सौ रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान है. वहीं 18 वर्ष के कम उम्र बच्चों द्वारा तंबाकू का कारोबार करवाये जाने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना के साथ पांच साल तक की सजा का भी प्रावधान है.
इस अधिनियम के तहत सभी सार्वजनिक स्थलों के प्रभारियों की ओर से धूम्रपान निषेध क्षेत्र वाले बोर्ड लगाना अनिवार्य है, लेकिन इनकी धरपकड़ किया जाना तो दूर, इन दुकानों पर लोगों को सरेआम धूम्रपान करने पर भी कोई रोक-टोक नहीं लगायी जा रही है.
बेखौफ स्टेशन परिसर के अंदर तंबाकू बेचने के तरीका से पता चलता है कि अब शहर के तंबाकू विक्रेता में पुलिस का डर खत्म हो गया. जहां दौराम मधेपुरा अपनी व्यवस्था यात्रियों के लिए उपलब्ध व्यवस्था कराने के नाम पर फिसड्डी साबित होते आ रहा है, वही अब तंबाकू जैसे नशीली पदार्थ भी बेधड़क स्टेशन परिसर के अंदर बेची जा रही है.
यह है तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम-2003: धारा 4- सार्वजनिक स्थानों के प्रभारी प्रवेश द्वार पर सुस्पष्ट स्थान पर धूम्रपान निषेध के बोर्ड लगाएंगे.
बोर्ड पर प्रभारी, जिसके पास उल्लघंन की शिकायत की जानी है, उनके फोन नम्बर लिखे हों. प्रभारी उल्लंघन करने वाले पर कार्रवाई नहीं करता है, तो उस पर व्यक्तिगत अपराधों की संख्या के समतुल्य जुर्माना लगाया जाएगा.
प्रतिबंधित क्षेत्रों में बेचे जा रहे तंबाकू पर रोक लगाने व विक्रेता को पकड़ने की जिम्मेवारी पुलिस प्रशासन की है. इसके लिए रेलवे प्रशासन बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं है.
पारसनाथ मिश्रा, स्टेशन सुपरिटेंडेंट, मधेपुरा
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