मधेपुरा : बिहार के मधेपुरा में तीन दिन से गायब युवक का शव उसके ही पड़ोसी के घर में रस्सी से लटका हुआ मिला. युवक की हत्या कर दिये जाने की खबर फैलते ही शहर का माहौल तनावपूर्ण हो गया है. जानकारी के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 14 निवासी अधिवक्ता विजेंद्र नारायण आर्य के पौत्र व शिक्षक मनोज कुमार के 16 वर्षीय पुत्र सुमित कुमार बुधवार की शाम लगभग तीन बजे ट्यूशन पढ़ाने के लिए घर से निकला था, जो देर शाम तक घर नहीं लौटा. जिसके बाद सुमित के परिजनों ने इसकी सूचना सदर थाना को दी. परिजनों ने अपने तरफ से भी बहुत तलाश किया, मगर सफलता हाथ नहीं लगी. दो दिन तक सुमित का कहीं पता नहीं चल पाया.
इसके बाद शुक्रवार की सुबह सुमित के परिजनों ने अपने ही पड़ोस में लगभग दो साल से बंद घर की तलाशी ली. जहां पहुंचने पर सुमित के परिजनों ने देखा कि ताला टूटा हुआ है और घर के दरवाजे को बाहर से कुंडी में रस्सी बांधकर बंद किया गया है. इस शक के आधार पर जब उनके परिजनों ने दरवाजा खोला तो वहां सुमित का शव पंखे की कड़ी में लटका हुआ पाया. इसके बाद पूरा माहौल चीख-पुकार से गूंज उठा. जानकारी के मुताबिक बंद पड़े घर के मालिक यहां नहीं रहते हैं और उस घर में ताला लगा हुआ रहता था.
वहीं, सुमित का शव को देख सुमित के परिजन व स्थानीय लोगों में आक्रोशित हो गये. जिसके बाद लोगों ने जिला व पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. शव मिलने की सूचना पुलिस प्रशासन को दी. जिसके बाद घटनास्थल पर सदर एसडीपीओ वशी अहमद ने पहुंच कर मृतक के शव को बाहर निकाला. सुमित के परिजनों व स्थानीय लोगों ने सुमित के शव को लेकर पहले तो जयपाल पट्टी चौक पर लगभग एक घंटा सड़क जाम किया. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने शव को लेकर पूर्वी बाइपास होकर कर्पूरी चौक पहुंच कर शव को सड़क पर रखकर यातायात बाधित कर दिया.
आक्रोशित लोगों ने शहर में घूमकर सभी दुकानें बंद करवा दी. कड़ी मशक्कत के बाद सदर एसडीपीओ वशी अहमद, सदर एसडीएम वृंदा लाल, सदर अंचलाधिकारी वीरेंद्र झा सहित अन्य अधिकारियों ने परिजनों व आक्रोशित लोगों को शांत कराया. अधिकारियों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. आश्वासन मिलने के बाद लोगों ने सड़क जाम समाप्त किया. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा जा सका.