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टीइटी के फार्म में भरी थी हिंदी-मैथिली, बदल कर हो गयी अरबी-फारसी

मधेपुरा के ग्वालपाड़ा प्रखंड स्थित राजपुर सरसंडी गांव निवासी देवमणि ने टीइटी के लिए भरे गये फार्म में मैथ-साइंस व हिंदी व मैथिली किया था अंकित फार्म में फोटो व हस्ताक्षर बदल कर परिवर्तित कर दिया गया देवमणि ने बार-बार किया बोर्ड से पत्राचार, लेकिन नहीं मिला इंसाफ मधेपुरा : छात्र मेहनत कर पढ़ाई करते […]

मधेपुरा के ग्वालपाड़ा प्रखंड स्थित राजपुर सरसंडी गांव निवासी देवमणि ने टीइटी के लिए भरे गये फार्म में मैथ-साइंस व हिंदी व मैथिली किया था अंकित

फार्म में फोटो व हस्ताक्षर बदल कर परिवर्तित कर दिया गया
देवमणि ने बार-बार किया बोर्ड से पत्राचार, लेकिन नहीं मिला इंसाफ
मधेपुरा : छात्र मेहनत कर पढ़ाई करते हैं, लेकिन बोर्ड की लापरवाही के कारण उनका भविष्य अधर में लटक जाता है. एसएससी का मामला अभी पूरे देश में चर्चा के केंद्र में है. इसी बीच मधेपुरा के एक छात्र देवमणि के मामले में बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा लापरवाही बरतने का सामने आया है. अगर बोर्ड इस छात्र की गुहार पर जरा भी ध्यान देता तो उसका भविष्य संवर जाता.
क्या है मामला : जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड स्थित राजपुर सरसंडी निवासी देवमणि ने टीइटी के लिए फार्म भरा था. उसने अपने फार्म में हिंदी, मैथिली व मैथ-साइंस भरा था, लेकिन बार-बार उसके फार्म में किसी ने बदलाव कर अरबी व फारसी के साथ सोशल साइंस भर दिया. यहां तक कि उसका फोटो व हस्ताक्षर भी बदल दिया गया. देवमणि के पास जब एडमिट कार्ड आया तो उसके होश उड़ गये. उसने इस मामले में बोर्ड को बार-बार लिखा और फोन किया.
मौखिक निर्देश के आलोक में देवमणि ने परीक्षा उसी आधार पर दिया जिसमें उसने फार्म भरा था. लेकिन उसके ओएमआर शीट का मूल्यांकन उसी बदले हुए फार्म के आधार पर किया गया. परीक्षाफल निकला तो उसे केवल 44 अंक ही मिले थे. जबकि उसने जिन विषयों की परीक्षा दी थी उसके अनुसार उसे 98 अंक प्राप्त हुआ था.
कहां जाये देवमणि, अंधेरे में भविष्य
देवमणि ने कहा कि अगर बोर्ड जरा भी उसके प्रति संवेदनशीलता दिखाता तो वह इस परीक्षा में उतीर्ण कर जाता, लेकिन अब वह निराश है. उसका भविष्य अंधकारमय हो गया है. इस स्थिति में वह किसके पास गुहार लगाये, समझ नहीं पा रहा है.
बार-बार बदलता रहा देवमणि का फार्म
देवमणि ने जब ऑनलाइन भरे फार्म को चेक किया तो उसके फार्म पर विषय तो बदला ही गया था. साथ ही उसकी फोटो व हस्ताक्षर को भी बदल दिया गया, जबकि उसका नाम व पता वही रहने दिया गया. देवमणि ने बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड को इसके बारे में बार-बार लिखा. परीक्षा में हुई अन्य चूक के कारण बोर्ड ने संशोधित परीक्षाफल प्रकाशित करने का निर्णय लिया. देवमणि को आश्वासन मिला कि उसकी उत्तर पुस्तिका की जांच उसके मूल फार्म के आधार पर की जायेगी, लेकिन मंगलवार को जब संशोधित परीक्षाफल प्रकाशित किया गया तो देवमणि को एक बार फिर निराशा ही हाथ लगी. उसके ओएमआर शीट की जांच बदले हुए विषयों के आधार पर ही करते हुए उसके नंबर को बढ़ाते हुए 45 कर दिया गया.

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