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दवाखाने की जमीन पर हो रहे टावर निर्माण के विरोध में जाम

मधेपुरा : वार्ड नंबर 10 स्थित यूनानी दवाखाना के परिसर में बन रहे बीएसएनएल टावर के विरोध में बुधवार को पुरानी बाजार चौक पर लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. नकारियों ने आगजनी कर बन रहे टावर का विरोध करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर अवैध निर्माण किया जा रहा है. […]

मधेपुरा : वार्ड नंबर 10 स्थित यूनानी दवाखाना के परिसर में बन रहे बीएसएनएल टावर के विरोध में बुधवार को पुरानी बाजार चौक पर लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया.

नकारियों ने आगजनी कर बन रहे टावर का विरोध करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर अवैध निर्माण किया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे मो शौकत अली ने कहा कि बीएसएनएल टावर नहीं बनने के लिए सिविल सर्जन ने बार-बार भूमि को स्वास्थ्य विभाग को बताते हुए डीएम, एसपी समेत वरीय अधिकारियों को पत्र भेजा है. यहां तक कि मोहल्लेवासियों ने भी इस मामला को बार-बार उठाया है.

सीएस ने तो जिला पदाधिकारी को एक आवेदन देकर कहा था कि यह स्वास्थ्य केंद्र की जमीन है. इस पर टावर नहीं बनना चाहिए फिर भी उस पर टावर बनाया जा रहा है . शौकत ने कहा कि यहां पर स्वास्थ्य केंद्र बने. ताकि लोगों को सुविधा प्राप्त हो. स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर दूसरे विभाग से लीज लेकर टावर बनाकर स्थानीय लोगों को बीमार करने के लिए रेडियेशन फैलने का इंतजाम हो रहा है.
क्या है मामला
समाजसेवी सह स्वतंत्रता सेनानी हाजी मो कुदरतउल्लाह ने मधेपुरा में बेहतर वैकल्पिक चिकित्सा व्यवस्था के लिए 66 वर्ष पूर्व पुरानी बाजार में यूनानी दवाखाना के लिए जमीन व मकान दान दी. परिजनों ने बताया कि मो कुदरतउल्लाह उस समय बिहार विधान परिषद के सदस्य भी थे और सक्रिय रूप से समाज सेवा के लिए मशहूर थे, लेकिन इस बेश कीमती जमीन पर सरकार के ही एक विभाग द्वारा टावर बनाने के लिए जमीन बीएसएनएल को लीज कर दी गयी. इस जमीन पर सामुदायिक भवन भी बनाया गया, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के नाम पर कुछ नहीं किया गया. जब स्थानीय लोगों ने इस मामले में आपत्ति दर्ज करानी शुरू की तो स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया. उसने जमीन को अपना बताते हुए जिला प्रशासन को पत्र लिखकर अवैध निर्माण पर आपत्ति की. मामले में डीएम ने जांच टीम गठित की. जांच टीम ने भी पाया कि जमीन का नया खतियान स्वास्थ्य विभाग के नाम से है. जमीन मो कुदरतउल्लाह द्वारा दान दी गयी है. जांच टीम के रिपोर्ट के बाद तत्कालीन डीडीसी के पांच बार स्पष्टीकरण पूछा गया, लेकिन डीडीसी ने किसी भी स्पष्टीकरण का जवाब देना गवारा नहीं समझा. इसी बीच डीएम द्वारा 28 जून को पत्र जारी कर जिला परिषद का दावा को अस्वीकार करते हुए इस जमीन को स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार की भूमि घोषित करते हुए आदेश जारी किया गया. वहीं डीएम ने स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव को पत्र भेज कर 10 शय्या का होमियोपैथिक अस्पताल खोलने का प्रस्ताव भी भेजा गया. यह प्रस्ताव अभी स्वास्थ्य विभाग के पास लंबित है.
जाम के कारण लोगों को हुई परेशानी
जाम के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. सुबह साढ़े 11 बजे से शुरू इस जाम की वजह से जहां स्कूली बच्चों को कठिनाइयों से गुजरना पड़ा. वहीं राहगीर भी परेशान रहे. लोगों का उग्र रूप देखते हुए पुलिस भी शांत रही. हालांकि सदर थाना के एएसआइ संतोष दीक्षित ने सामाजिक स्तर पर पहल करते हुए तत्काल बीएसएनएल के लोगों से बात कर काम रोकवा कर तीन बजे जाम समाप्त कराया, लेकिन जाम कर रहे लोगों ने साफ कर दिया कि अगर पुन: कार्य प्रारंभ होगा, तो आंदोलन इससे भी उग्र होगा. जाम करने वालों में मो फिरोज, सरफराज अहमद, शंभू साह, अबु बकर, डा खतीबुर रहमान, मो गोपी, मो नन्हें, समसूल, अभिषेक कुशवाहा, पूर्व प्रमुख कॉमरेड रामचंद्र दास आदि शामिल थे. स्थानीय समाजसेवी शौकत अली द्वारा मांग की गयी कि बीएसएनएल के अधिकारियों पर मामला दर्ज किया जाय. इसके साथ ही गलत तरीके से स्वास्थ्य विभाग की जमीन लीज पर देने वाले अधिकारी पर भी कार्रवाई हो. यूनानी दवाखाना परिसर को अतिक्रमणमुक्त करते हुए, अवैध निर्माण हटाया जाय. यहां स्वास्थ्य से संबंधित कार्य हो.

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