मधेपुरा : अब जिले के सरकारी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित दिव्यांग बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने की पहल शुरू हो गयी. विद्यालयों में नामांकित व अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के आइइडीएसएस कार्यक्रम के तहत बिहार शिक्षा परियोजना परिषद मधेपुरा के सहयोग से चिकित्सा आकलन शिविर का […]
मधेपुरा : अब जिले के सरकारी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित दिव्यांग बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने की पहल शुरू हो गयी. विद्यालयों में नामांकित व अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के आइइडीएसएस कार्यक्रम के तहत बिहार शिक्षा परियोजना परिषद मधेपुरा के सहयोग से चिकित्सा आकलन शिविर का आयोजन गत 15 से 21 नवंबर तक प्रखंडवार किया गया. इस कड़ी में मंगलवार को केशव कन्या इंटर स्तरीय विद्यालय में अंतिम शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सदर व घैलाढ प्रखंड के 44 दिव्यांग बच्चे शामिल हुए.
इस दौरान बच्चों के दिव्यांगता के आकलन के पश्चात अल्पाहार व यात्रा व्यय उपलब्ध करवाया गया. शिविर का संचालन कर रहे जिले के मास्टर मेंटर शिक्षक यादव विक्रम ने दिव्यांग बच्चों व उनके अभिभावकों को अपनी समस्या के समाधान के लिए टाल फ्री नंबर 18003456212 भी उपलब्ध करवाया. इस नंबर पर वे सोमवार से शुक्रवार तक अपनी समस्या समाधान सुबह दस बजे से शाम पांच बजे प्राप्त कर सकते हैं. यह नंबर बिहार माध्यमिक शिक्षा परिषद पटना के द्वारा दिव्यांगजनों से संबंधित समस्या समाधान के लिए जारी किया गया है.
सफल संचालन में शिक्षकों की रही भूमिका: जिले में इस शिविर की शानदार सफलता के लिए मास्टर मेंटर शिक्षक यादव विक्रम ने डीइओ उग्रेश प्रसाद मंडल, डीपीओ (राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान ) मेडिकल टीम में शामिल धनंजय कुमार कर्ण, मनीष कुमार कार्यालय कर्मी प्रदीप, अमित व जिले के सभी सक्रिय मेंटर शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया.
चार वर्षों तक मिलेगी छात्रवृत्ति की राशि
मौके पर बताया गया कि जिले के सभी दिव्यांग बच्चों के आकलन के पश्चात एलिम्को से प्राप्त सहायता उपकरण दो से तीन महीनों में जरूरतमंद बच्चों को उपलब्ध करा दिया जायेगा. अगले महीने प्रत्येक बच्चे को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से एक हजार की राशि पुस्तकें खरीदने के लिए दी जायेगी तथा सभी दिव्यांग छात्राओं को छात्रवृत्ति के रूप में दो हजार रुपया वार्षिक राशि चार वर्षों के लिए दी जायेगी. जिले में विभिन्न विद्यालयों से प्राप्त दिव्यांग बच्चों की सूची में मात्र 143 बच्चे ही शामिल थे, लेकिन अभी तक के शिविर में 192 दिव्यांग बच्चों का चिकित्सा आकलन किया जा चुका है.
192 बच्चों को मिलेगा लाभ
जिले के 192 बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा. इस संबंध में मास्टर मेंटर शिक्षक यादव विक्रम ने बताया कि जिले के पुरैनी व चौसा प्रखंड के 15, उदाकिशुनगंज, आलमनगर के 26 बच्चे, ग्वालपाड़ा व बिहारीगंज के 25 बच्चे, मुरलीगंज व कुमारखंड प्रखंड के 61 बच्चे सिंहेश्वर, शंकरपुर व गम्हरिया प्रखंड 21 व मधेपुरा व घैलाढ प्रखंड 44 सहित कुल 192 बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा.