27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बाढ़ का पानी बढ़ने से ग्रामीणों में भय

परेशानी. जनप्रतिनिधि व प्रशासन की ओर से उपलब्ध नहीं करायी गयी कोई सुविधा फुलौत : लगातार हो रही बारिश से कोसी नदी में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पूर्वी, फुलौत पश्चिमी, मोरसंडा, चिरौरी इन सभी पंचायत के ग्रामीण कहते हैं कि जब हर बार बाढ़ का समय आता है बहुत ही मुश्किल आ जाती […]

परेशानी. जनप्रतिनिधि व प्रशासन की ओर से उपलब्ध नहीं करायी गयी कोई सुविधा

फुलौत : लगातार हो रही बारिश से कोसी नदी में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पूर्वी, फुलौत पश्चिमी, मोरसंडा, चिरौरी इन सभी पंचायत के ग्रामीण कहते हैं कि जब हर बार बाढ़ का समय आता है बहुत ही मुश्किल आ जाती है. आवागमन, मवेशियों का चारा, बच्चों की शिक्षा, जरूरत के सामान तथा फसल बरबाद हो जाते हैं और बाढ़ आने से हमेशा अंदेशा बना रहता है कि कोई अप्रिय घटना न घट जाए. क्योंकि हर एक वर्ष बाढ़ के पानी आने के बाद करीब एक दर्जन लोग काल के मुंह में समा जाते हैं.
बाढ़ का एक स्थायी निदान हो जाय. फुलौत के माता धूमावती स्थान से पिहोरा बासा तीन किमी तक नाव से जाना पड़ता हैं, तो वहां के ग्रामीण जयनरायण शर्मा, पप्पू यादव, अजय शर्मा, गुननि शर्मा, सिकंदर शर्मा ने बताया कि अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि या बिहार सरकार की और से आने जाने के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराया गया है. इसके चलते हम सभी ग्रामीण प्राइवेट नाव से आना-जाना होता है. इसी क्रम में आंधी बरसात आते नाव क्षतिग्रस्त हो जाने पर बच्चे व महिलाओं की मौत हो जाती है.
वही फुलौत पूर्वी डाकबंगला चौक से पूरब नवटोलिया निवासी अशोक साह, सहदेव चौधरी, रामवरण चौधरी, फुलचन मंडल, टुनटुन यादव ने बताया कि 40 से 50 ऐसे घर बाढ़ के पानी में धुबजाति है. उस क्रम में सभी ग्रामीण घर छोड़ कर एनएच 106 पर रहना पड़ता हैं. फुलौत पूर्वी के पंसस पप्पू खां, जिला परिषद सदस्य ग्रामीण पिंटू रॉय, रंजीत महतो आदि ने बताया कि पिछले वर्ष 2016 में बाढ़ को लेकर बिहार सरकार की ओर से सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में एक-एक नाव दिया गया था. जिसको लेकर सभी ग्रामीणों का आने-जाने के लिए सुविधा उपलब्ध हो सके, लेकिन वह नाव लावारिश की तरह बड़ोखर नदी में घूम रही है. चौसा प्रखंड पदाधिकारी व फुलौत के जनप्रतिनिधियों के लापरवाही के कारण सभी बाढ़ प्रभावित ग्रामीण लाभ नहीं उठा पाते है.
दुध व्यवसायियों को हो रही है परेशानी. दूध व्यवसाय घसकपुर निवासी सुधीर मंडल फुलौत पूर्वी के पिंटू यादव, राजो यादव, मुसहरी निवासी बुचो ऋषिदेव, मनोज यादव, बुचो साह, फुलौत पश्चमी निवासी चंदन यादव, टिंकू यादव व आजाद मेहता ने बताया कि सभी बाद प्रभावित क्षेत्र से दूध लाने के दौरान नाव का सहारा लेना पड़ता है. फुलौत से सपनी, मुसहरी, झंडापुर, पनदेही ,लाली वास, बड़ीखाल, करेलिया, मोरसंडा, श्रीपुरवासा से अधिक समय लगने के उपरांत दूध ड्रामा में ही जम जाती हैं. जबकि बताया जाता हैं कि सभी दूध व्यवसाय को मिलाकर करीब 30 क्विंटल से अधिक मात्रा में इकट्ठा किया जाता है. दूध जमने से व्यवसाय को भारी क्षति हो जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें