लखीसराय : बिहार में शिक्षा के स्तर को सुधारने की कवायद के तहत भले ही अनेक दागी प्लस टू स्कूलों की मान्यता को रद्द कर उसके विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में समाहित किया गया है. लेकिन अभी भी शिक्षा विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत से धांधली का खेल जारी है. ऐसा ही पुरानी […]
लखीसराय : बिहार में शिक्षा के स्तर को सुधारने की कवायद के तहत भले ही अनेक दागी प्लस टू स्कूलों की मान्यता को रद्द कर उसके विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में समाहित किया गया है. लेकिन अभी भी शिक्षा विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत से धांधली का खेल जारी है. ऐसा ही पुरानी बाजार उच्च विद्यालय में देखने को मिल रहा है. बीएनएमडी स्कूल की मान्यता रद्द होने के बाद उसके विद्यार्थियों को पीबी हाई स्कूल में समाहित किया गया.
जहां से सभी विद्यार्थियों को इंटर की परीक्षा के लिए सेंट अप टेस्ट के बाद इंटर का परीक्षा फॉर्म भराया जाना है. विगत 18 नवंबर से 25 नवंबर तक जब इसके लिए परीक्षा ली जा रही थी, उस वक्त परीक्षा में बीएनएमडी के मात्र 9 विद्यार्थी ही परीक्षा में शामिल हुए थे. लेकिन विद्यालय के वीक्षकों को जब कॉपी जांच के लिए दी गयी, तो उसकी संख्या 46 थी. शिक्षिका सोनी कुमारी ने जब कॉपी की जांच की, तो उसमें कई कॉपी में लिखावट एक समान मिला. सोनी ने आठ उत्तरपुस्तिकाओं की फोटोकॉपी करा कर उसे लिखित आवेदन के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंप दिया और विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.
मान्यता रद्द होने के बावजूद बीएनएमडी स्कूल में ली गयी परीक्षा
सेंट अप परीक्षा में धांधली का
लगा आरोप
कॉपी जांच के दौरान कई कॉपियों में एक ही लिखावट देख वीक्षक ने डीइओ से की शिकायत
पीबी उच्च विद्यालय की प्राचार्य ने परीक्षा मान्यता रद्द विद्यालय में कराने की बात स्वीकारी
बीइओ से मामले की जांच करायी गयी है. दो बिंदुओं पर कुछ बातें सामने आयी है. उसे डीइओ के पास रखा जायेगा. जिन विद्यार्थियों की लिखावट एक होने की बात सामने आयी है, उन्हें भी नोटिस भेजा गया है. अभी जांच चल रही है.
नरेंद्र कुमार, डीपीओ आरएमएसए
छात्रों के हित को देखते हुए लिया निर्णय
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मनोरमा कुमारी ने सोनी के भ्रष्टाचार के आरोप को सरासर गलत बताया. लेकिन बीएनएमडी स्कूल में परीक्षा लिए जाने की बात स्वीकारते हुए कहा कि वह निर्णय उन्होंने छात्रों के हित को देखते हुए लिया था. क्योंकि उनके विद्यालय में सिर्फ नौ ही विद्यार्थी उपस्थित हुए थे.
छात्रों के हित…
इसके बाद बीएनएमडी के छात्रों के एक समूह ने उन्हें रास्ते में घेर कर पुन: परीक्षा लेने का आग्रह किया और अपने विद्यालय में जगह के अभाव में तथा छात्रों के हित में बीएनएमडी में परीक्षा का आयोजन कराया. वहीं इसके लिए विभागीय आदेश लेने की बात पर वह सिर्फ इतना कह पायी कि उन्होंने इसकी सूचना अपने वरीय पदाधिकारी को दे दी थी.
मामले की जानकारी मिलते ही उन्होंने डीपीओ आरएमएसए नरेंद्र कुमार को जांच करा कर रिपोर्ट करने का आदेश दे दिया है.
त्रिलोकी सिंह, डीइओ