ग्रामीणों की मदद से लकड़ियों को किया जाता है जंगल से बाहर
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जंगल से प्रतिदिन लाखों की लकड़ी की हो रही तस्करी
ग्रामीणों की मदद से लकड़ियों को किया जाता है जंगल से बाहर तस्कर इसे वाहनों व ट्रेनों से बाजार में कराते हैैं उपलब्ध वन विभाग व पुलिस प्रशासन द्वारा रोक के लिए नहीं की जाती है ठोस कार्रवाई छिटपुट कार्रवाई कर की जाती है खानापूर्ति लखीसराय : ले के जंगली इलाकों से प्रतिदिन अवैध तरीके […]
तस्कर इसे वाहनों व ट्रेनों से बाजार में कराते हैैं उपलब्ध
वन विभाग व पुलिस प्रशासन द्वारा रोक के लिए नहीं की जाती है ठोस कार्रवाई
छिटपुट कार्रवाई कर की जाती है खानापूर्ति
लखीसराय : ले के जंगली इलाकों से प्रतिदिन अवैध तरीके से लकड़ी काट कर बाजार में बेचे जाने का सिलसिला लगातार जारी है़ जिले के पीरीबाजार, कजरा एवं चानन थाना क्षेत्र के जंगली इलाकों से सैकड़ों ग्रामीणों की मदद से प्रतिदिन लाखों रुपये की लकड़ी अवैध तरीके से काट कर उसे जंगल से निकाला जाता है, जहां से तस्करों द्वारा उसे गाड़ियों पर लाद कर बाजार में उपलब्ध कराया जाता है़ सूत्रों के अनुसार इस कार्य में तस्करों को जहां जंगल में वहां के स्थानीय ग्रामीणों से मदद मिलती है वहीं जंगल से बाहर वन विभाग एवं पुलिस प्रशासन के कर्मचारियों से. इससे इनका काम आसानी से चलता रहता है,
हालांकि प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों की हलचल के बाद हल्की कार्रवाई की जाती है, लेकिन वह सिर्फ दिखावे के लिए ही होती है. इस पर रोक के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से लकड़ी तस्करों का मनोबल बढ़ा रहता हैं.
रेल व सड़क मार्ग से होती है तस्करी
लकड़ी की तस्करी को खुलेआम कजरा, पीरीबाजार, मननपुर, बंशीपुर रेलवे स्टेशन से पैसेंजर ट्रेनों के माध्यम से तथा इसी क्षेत्र के सड़क मार्ग से की जाती है़ ऐसा नहीं है कि इस पर पुलिस व वन विभाग की नजर नहीं रहती है इसके बावजूद जंगल की लकड़ी का बेरोकटोक आना जाना उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाता है़ रविवार को जिलाधिकारी सुनील कुमार ने आदिवासी समुदाय के लोगों के बीच आम्रपाली के पौधा वितरण के समय सभी लोगों को जंगल में पेड़ सहित वन संपदा की रक्षा की शपथ दिलायी थी़
लेकिन लोगों के अनुसार इन्हें सिर्फ शपथ दिलाने से नहीं बल्कि इस दिशा में प्रशासन के द्वारा ठोस कदम उठाते हुए अवैध रूप से लकड़ी का करोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है़ ताकि वे जंगल से लकड़ी निकलवाने से परहेज करे़ं पिछले दिनों चानन थाना क्षेत्र के जलप्पा स्थान से एक ट्रैक्टर पर जंगल से काट कर लकड़ी ले जायी जा रही थी.
इस दौरान लकड़ी तस्कर हनुमान पासवान को एएसपी अभियान रजनीश कुमार ने जब गिरफ्तार किया था तो बताया गया था कि वह नक्सलियों को लकड़ी के एवज में फंड व अन्य सामान की आपूर्ति भी करता था़ बताया कि वह विगत कई वर्षों से यह काम कर रहा था़ पुलिस उसपर दो तीन वर्षों से नजर लगाये हुए थी़ इससे यह साफ जाहिर होता है कि जब तक इस दिशा में प्रशासन ठोस कार्रवाई नहीं करती है तो जंगली इलाकों में नक्सली अपना वर्चस्व बनाये रखेंगे और अपनी कमाई भी करते रहेंगे़
साधन के अभाव में नहीं हो पाती विशेष कार्रवाई
जंगल के अंदर साधन के अभाव में कोई विशेष कार्रवाई नहीं हो पाती है, वहीं जंगल से बाहर समय-समय पर लकड़ी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है़ जंगली इलाका व बड़ा क्षेत्र होने की वजह से पुलिस के सहयोग से ही कार्रवाई संभव है़ इस संबंध में डीआइजी द्वारा पत्र भी दिया गया है़
चरित्र चौधरी, रेंज ऑफिसर
हम लोग वन संपदा की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. इसके लिए सप्ताह में एक दिन विशेष अभियान चलाकर वन संपदा की रक्षा के लिए लोगों को जागरूक करेंगे. समिति अपने छापेमारी दल का गठन करेगी और अवैध रूप से लकड़ी काटने व पत्थर तोड़ने वाले को पकड़ सीधे जिलाधिकारी के पास सौंपेगी़
राजेंद्र कोड़ा, सचिव, आदिवासी जनजाति संघर्ष समिति
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