लागत मूल्य की भी उम्मीद टूटी
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आहत . किसानों का सपना हुआ राख, खेत में ही जल कर खाक हुई फसल
लागत मूल्य की भी उम्मीद टूटी आग की तबाही ने पांच महीने की कड़ी मेहनत 10 दिनों में राख में तब्दील कर दी. पिछले 10 दिनों से सूर्यगढ़ा प्रखंड सहित समीपवर्ती प्रखंड में लगातार आगजनी ने किसानों का सपना राख कर िदया. लखीसराय/सूर्यगढ़ा : जिले में एक तरफ जहां किसानों ने कड़ी मेहनत व लागत […]
आग की तबाही ने पांच महीने की कड़ी मेहनत 10 दिनों में राख में तब्दील कर दी. पिछले 10 दिनों से सूर्यगढ़ा प्रखंड सहित समीपवर्ती प्रखंड में लगातार आगजनी ने किसानों का सपना राख कर िदया.
लखीसराय/सूर्यगढ़ा : जिले में एक तरफ जहां किसानों ने कड़ी मेहनत व लागत पूंजी से कृषि कारोबार करके परिवार के भरण-पोषण के अलावा शादी व पढ़ाई का ख्वाब पाल रखा था. वही तबाही की अग्नि व पछुआ हवा की चपेट में आने से किसानों का सपना चूर हो गया व दाने-दाने को मोहतोज होना पड़ रहा है. जगदीशपुर के किसान सुरेश यादव में आठ बीघा खेत में बटाईदारी पर गेहूं की खेती की थी. अगलगी में उसकी सारी फसल जल कर राख हो गयी. अब उनके परिवार के समक्ष खाने के लाले हैं. चिंता है साल भर कैसे अपने परिवार का पेट पालेंगे. बच्चों की परवरिश से लेकर दो जून की रोटी का इंतजाम कैसे होगा. सुरेश जैसे न जाने कितने किसानों के आंखों की आंसू सूख चुकी है और वे मदद की आस लगाये हैं.
बताते चलें कि लखीसराय व बेगूसराय अंतर्गत दियारा, रामचंद्रपुर, पिपरिया, पथुआ, 568, 563, तेरहकलमा, मानुचक, सिसमा, कोहवा व 392 तोफिर दियारा में लगे लगभग दो हजार बीघा लगे गेहूं का फसल एक ही चिनगारी में जल कर राख हो गयी. किसानों की मानें तो पांच बीघा में लगे गेहूं का फसल लगभग पांच करोड़ का नुकसान हो गया. ऊपर से पशु पालक किसानों के लिये पशु का आहार भी नष्ट हो गया व किसान सरकारी मुआवजा की ओर टकटकी लगाये बैठे हैं. इधर सूर्यगढ़ा प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष संजय महतो ने अग्निपीड़ित किसानों को अविलंब सहायता व फसल क्षति पूर्ति का मुआवजा देने की मांग की है.
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