शराब के अवैध धंधे के खिलाफ कड़े दंड का नहीं है प्रावधान
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लचीले कानून का लोगों को मिल रहा है फायदा
शराब के अवैध धंधे के खिलाफ कड़े दंड का नहीं है प्रावधान लखीसराय : सूबे में पहली अप्रैल से देशी शराब बंदी की घोषणा की गयी है. बुुद्धिजीवियों के मुताबिक सरकार की यह घोषणा आम लोगों के हित में है. शराब के आदि लोगों में ज्यादातर गरीब तबके के लोग होते हैं जो अपनी सीमित […]
लखीसराय : सूबे में पहली अप्रैल से देशी शराब बंदी की घोषणा की गयी है. बुुद्धिजीवियों के मुताबिक सरकार की यह घोषणा आम लोगों के हित में है. शराब के आदि लोगों में ज्यादातर गरीब तबके के लोग होते हैं जो अपनी सीमित कमाई से देसी शराब से अपनी इच्छा की पूर्ति करते हैं. देसी शराब पर प्रतिबंध के बाद इन लोगों का रुझान महुआ शराब पर जायेगा.
अब शराब बंदी लागू करने के लिए प्रशासन ने भी कमर कस ली है. जिला प्रशासन के अलावे उत्पाद विभाग के द्वारा भी इसकी वृहत तैयारी की जा रही है. कोशिश है देशी शराब के साथ अवैध महुआ शराब की बिक्री पर नकेल कसा जाये. शराब बंदी को लेकर जिला प्रशासन व आबकारी विभाग को तैयार रहने को कहा गया है. अफसरों ने भी अभियान चलाकर बंदी से पूर्व महुआ शराब को बंद करने की तैयारी कर ली है. बावजूद इसके अवैध धंधे के कारोबारियों के खिलाफ कड़े दंड का प्रावधान नहीं होने की वजह से अभियान में विशेष सफलता नहीं मिल पा रहा है. एक ओर विभाग छापेमारी कर धंधेबाज को पकड़ता है, पर दूसरी ओर लचीले कानून की वजह से वे छूट जाते हैं.
बोले उत्पाद अधीक्षक
उत्पाद अधीक्षक पराशर शर्मा के मुताबिक महुआ चुलाई शराब बनाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. मार्च माह में अब तक अवैधशराब के 15 कारोबारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. नक्सल प्रभावित इलाके में छापेमारी में थोड़ी परेशानी होती है.
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी व एसपी के द्वारा निर्धारित रूट चार्टके मुताबिक चार से पांच पेट्रोलिंग व छापेमारी की जायेगा. पेट्रोलिंग दल में एक दंडाधिकारी के अलावे एक अवर निरीक्षक व कांस्टेबल होंगे. उत्पाद अधीक्षक के मुताबिक एक तरफ महुआ कारोबारी को विभाग द्वारा पकड़ा जाता है तो दूसरी ओर लचीले कानून का लाभ उठाकर वे मुक्त हो जाते हैं.
उन्होंने बताया कि कानून में परिवर्तन किया जा रहा है. नये कानून में 10 वर्ष तक की सजा व शराब से मृत्यु हो जाने की स्थिति में उम्र कैद से लेकर मृत्युदंड तक का प्रावधान किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आम लोगों के सहयोग के बिना महुआ शराब बंदी को पूर्ण सफल बनाना संभव नहीं है. समाज अगर इन कारोबारियों का तिरस्कार करे तो महुआ शराब का कारोबार बंद हो जायेगा. प्रशासन अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रहा है.
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