लखीसराय : देश की स्वतंत्रता में लखीसराय के वीर सपुतों ने भी बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभायी और स्वतंत्रता के अग्निकुंड में अपने प्राणों की आहूति दी. 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के क्रम में ग्यारह लोगो ने अंगरेजी हुकूमत में पुलिस की गोलियां खाकर शहीद हो गये.
Advertisement
स्वतंत्रता संग्राम में लखीसराय के वीर सपूतों ने भी खाई थी गोली
लखीसराय : देश की स्वतंत्रता में लखीसराय के वीर सपुतों ने भी बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभायी और स्वतंत्रता के अग्निकुंड में अपने प्राणों की आहूति दी. 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के क्रम में ग्यारह लोगो ने अंगरेजी हुकूमत में पुलिस की गोलियां खाकर शहीद हो गये. जब अन्य लोगों ने जेल में यातना सहकर […]
जब अन्य लोगों ने जेल में यातना सहकर भारत माता को जंजीर से मुक्त कर भारत को आजादी दिलायी. परंतु शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर ना कोई पार्क बना,न भवन ,न सड़क का नामांकरण हो सका. सिर्फ प्रखंड कार्यालय में झंडोत्तोलन स्थान पर शिलापट पर नाम के सिवाय कुछ भी नहीं है.
सन् 1942 में भारत छोडो आंदेालन के तहत जिले के ग्यारह लोगों ने गोलियां खाकर शहीद हुए .उनमें जिले के बडहिया प्रखंड अंतर्गत सदायवीघा निवासी वैधनाथ सिंह,लखीसराय प्रखंड के सलौनाचक निवासी गुजू सिंह,सावनडीह के हरीसिंह,इंगलिश बडहिया के जुल्मी महतों,इंदूपुर बडहिया के बनारसी सिंह,बडहिया के महादेव सिंह,परशुराम सिंह,महिसोरा के दारो सिंह देश की आजादी के लिए हंसते हंसते गोली खाकर शहीद हो गये.
जबकि पंडित कार्यानंद शर्मा,राजेश्वरी प्रसाद सिंह,रामरीझन सिंह,जमुना सिंह,कपिलदेव सिंह सहित हजारों लोग उनके नेतृत्व में अंग्रेज के खिलाफ साल भर छ: माह जेल का यातना सही.इनके परिजनों अरबिंद कुमार,नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि जिस अंग्रेज हुकुमत के जुल्म से देश की आजादी मेरे पिता,बाबा ने दी उसका मकसद था कि समान अधिकार,समान न्याय, भ्रष्टाचार मुक्त समाज की स्थापना हो लेकिन आजादी के 68 वां वर्ष बीत जाने के बाद समान अधिकार,सामान्य ,भ्रष्टाचार से मुक्ति नहीं मिल पायी है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement