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शहर में सज गया मकर संक्रांति का बाजार

शहर में सज गया मकर संक्रांति का बाजार बाजारों में फैल रही तिलकुट की सोंधी महक फोटो संख्या:04 – तिलकुट तैयार करता कारीगरफोटो संख्या:05 -खरीदारी करते लोग प्रतिनिधि, लखीसरायमकर संक्रांति नजदीक आते ही बाजारों की रौनक बढ़ गयी है. मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान के साथ लोग दही-चूड़ा, तिलकुट के भोजन को शुभ मानते हैं. […]

शहर में सज गया मकर संक्रांति का बाजार बाजारों में फैल रही तिलकुट की सोंधी महक फोटो संख्या:04 – तिलकुट तैयार करता कारीगरफोटो संख्या:05 -खरीदारी करते लोग प्रतिनिधि, लखीसरायमकर संक्रांति नजदीक आते ही बाजारों की रौनक बढ़ गयी है. मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान के साथ लोग दही-चूड़ा, तिलकुट के भोजन को शुभ मानते हैं. शहर में जगह-जगह तिलकुट व तिल से बने विभिन्न प्रकार के लजीज खाद्ध पदार्थ की बिक्री जैसे तिल का लड्डू, तिलकतरी, रेवड़ी आदि की बिक्री चरम पर है. लोग मकर संक्रांति के पर्व को लेकर तिल से बने स्वादिष्ट लजीज पकवानों की खरीदारी कर रहे हैं. घर के अलावे अपने प्रियजनों को संदेश के तौर पर इन सामानों को भेजा जा रहा है. बाजार में थोक कारोबारी महीना भर पहले से इसका कारोबार शुरू कर देते हैं. मकर संक्रांति नजदीक आने के साथ ही जगह-जगह तिलकुट व चूड़ा की अस्थायी दुकानें भी सज गयी हैं. इन दुकानों पर खरीदारों की भीड़ बनी हुई है. लोगों के मुताबिक मकर संक्रांति की तैयारी पहले से ही कर लेना बेहतर है क्योंकि बाद में उत्तम क्वालिटी की सामग्री अनुपलब्ध हो जाती है. लोगों को संदेश के तौर पर भी तिलकुट भेजना होता है. इसके लिए उन्हें पहले ही खरीदारी करनी होती है. हालांकि ठंड शुरू होते ही तिलकुट का बाजार सजने लगता है, लेकिन मकर संक्रांति के समय बाजार अपने परवान पर होता है. कहते हैं सर्दी में तिलकुट खाना सेहत के लिए अच्छा होता है. बड़े-बच्चे सभी इसे खाना पसंद करते हैं. तिल के बने लड्डू व रेवड़ी की भी है डिमांडतिल दो प्रकार के होते हैं. दोनों ही प्रकार के तिल से बने लड्डू लोगों की पसंद में शामिल हैं. इससे लड्डू के अलावे पट्टी व रेवड़ी बनायी जाती है. यह गुड़ से बनते हैं. तिलकुट सफेद तिल, गुड़ या चीनी से बनाया जाता है. दोनों की कीमत में अंतर होता है. खोवा का तिलकुट या खस्ता तिलकुट लोग सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. अन्य तिलकुट से इसकी कीमत थोड़ी अधिक होती है. चूड़ा की भी हो रही खरीदारी मकर संक्रांति के मौके पर आम तौर पर लोग दही-चूड़ा ही खाते हैं. बाजार में नये धान का चूड़ा उपलब्ध है. इस समय देसी चूड़ा के अलावे बासमती चूड़ा, कतरनी चूड़ा, पेपर चूड़ा आदि की बिक्री हो रही है. बासमती व कतरनी चूड़ा में खुशबूदार होता है, इसका स्वाद भी अच्छा होता है. इसकी वजह से इसकी कीमत भी अधिक होती है. मूढ़ी व चूड़ा का लड्डू भी पसंदीदामूढ़ी व चूड़ा का लड्डू भी लोगों को खूब पसंद है. बाजार में दोनों ही लड्डू की कीमत समान है. घरों में भी इस तरह के लड्डू गृहणियां काफी शौक से बनाती हैं. सामान कीमतमोटा चूड़ा 20 से 22 रुपये/किलो कतरनी चूड़ा 40 से 50 रुपये/किलोमंसूरी चूड़ा 22 रुपये/किलोबासमती चूड़ा 60-70 रुपये /किलो तिलकुट अच्छा 180 से 200 रुपये/किलोमध्यम तिलकुट 150 से 160 रुपये/किलोसस्ता तिलकुट 100 रुपये/किलो तिलवा गुड़ का 80 रुपये प्रति/किलोतिलवा चीनी का 60 रुपये प्रति किलो चूड़ा मिल पर लोगों की भीड़फोटो संख्या: 06-चूड़ा मिल पर अपनी बारी का इंतजार करते लोग लखीसराय. मकर संक्रांति नजदीक आते ही चूड़ा मिल में लोगों की भीड़ बनी हुई है. दूर-दराज से धान लेकर चूड़ा कुटाने आये लोग मील पर घंटों रहकर अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे. ग्रामीण सामूहिक रूप से छोटे-बड़े मालवाहक वाहन से धान लेकर इन चूड़ा मिलों पर पहुंच रहे हैं और कई घंटे इंतजार के बाद तैयार चूड़ा लेकर अपने घर लौट रहे हैं. गरीबनगर सूर्यगढ़ा के रंजीत कुमार शर्मा के मुताबिक मकर संक्रांति नजदीक आने के साथ ही चूड़ा मिलों पर लोगों की भीड़ बढ़ गयी है. लोग तैयार चूड़ा को संदेश के रूप में अपने रिश्तेदारों व प्रियजनों के पास भेज रहे हैं.

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