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आजादी के वर्षों बीत जाने बाबजूद बलियो घाट पर नहीं बना पुल

आजादी के वर्षों बीत जाने बाबजूद बलियो घाट पर नहीं बना पुल फोटो 9 (पुल के नहीं रहने पर नदी पार कर स्कूल जाते छोटे-छोटे बच्चे)प्रतिनिधि, झाझाप्रखंड क्षेत्र के दक्षिणी भाग में स्थित उलाय नदी के बलियो घाट पर पुल निर्माण नहीं होने से दर्जनों गांर के लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना […]

आजादी के वर्षों बीत जाने बाबजूद बलियो घाट पर नहीं बना पुल फोटो 9 (पुल के नहीं रहने पर नदी पार कर स्कूल जाते छोटे-छोटे बच्चे)प्रतिनिधि, झाझाप्रखंड क्षेत्र के दक्षिणी भाग में स्थित उलाय नदी के बलियो घाट पर पुल निर्माण नहीं होने से दर्जनों गांर के लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आवागमन की परेशानी झेल रहे गांवों के लोग आक्रोश व्यक्त करते हुए बताते हैं कि सरकार विकास के नाम लाख ढिंढोरा पीट ले हमारे क्षेत्र में विकास की किरण आजतक नहीं पहुंच सकी है. क्षेत्र के लोग आज भी अपने मौलिक सुविधा के अभाव में परेशानी महसूस कर रहे हैं. जबकि इसे लेकर अधिकारी से लेकर जन-प्रतिनिधि तक लागातार हमलोग चक्कर लगाते रहे हैं.बलियो, बलियो टांड़, तेतरिया टांड़, सिमरसोत, चिल्ही टांड़, जंगला तरी, अगरा तरी समेत कई गांवों के ग्रामीण यद्दु यादव, बलेस्वर यादव, मो कासिम खान, सल्लौद्दीन खान, मंटू खान,धतूरी शर्मा आदि बताते हैं कि चुनाव में जन प्रतिनिधि हमारे क्षेत्र में आते हैं और वोट की बात करते हैं. हमलोग वोट भी देते हैं . जनप्रतिनिधि हमारी समस्या को सुन कर समुचित विकास करवाने की बात करते है़ं लेकिन चुनाव जीतने के बाद हम ग्रामीणों की सुधि लेना ही भूल जाते हैं. ग्रामीण बताते हैं कि हम अपने मौलिक सुविधा की बहाली को लेकर कई बार जिला प्रशासन से भी गुहार लगाते रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी हम ग्रामीणों की समस्या का निदान आज तक नहीं हो सका है. ग्रामीण बताते हैं कि उलाय नदी के बलियो घाट पर पुल नहीं रहने से दर्जन भर से अधिक गांव के करीब बीस हजार की आबादी को आवागमन में परेशानी होती है.खासकर बरसात के दिनों में समस्या ओर गंभीर बन जाती है़ ग्रामीण ने बताते हैं कि सबसे अधिक परेशानी बच्चों को पढ़ाई लिखाई तथा बीमारी आदि होने पर होती है.बरसात के दिनों में बच्चों का पढ़ाई-लिखाई ठप हो जाता है और बीमारी आदि होने पर कई लोगों की जान इलाज के अभाव में चली जाती है.ग्रामीण अफसोस जाहिर करते हुए कहते हैं इस क्षेत्र में इतनी बड़ी आबादी होने के बाबजूद भी सरकार व अधिकारियों का ध्यान हमारी मांग पर होता है. जो चिंतनीय है. वहीं युवा वर्ग के ग्रामीण आक्रोश व्यक्त करते हुए कहते हैं कि इसपंच वर्षीय योजना में पुल नहीं बना तो हम ग्रामीण चरणबद्ध आंदोलन को बाध्य हो जायेगें.

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