नवरात्र में कन्या पूजन से मिलता है ऐश्वर्य प्रतिनिधि, लखीसरायनवरात्र में कुंआरी कन्या पूजन आवश्यक माना गया है. मान्यताओं के अनुसार अगर सामर्थ्य हो तो नवरात्र में प्रतिदिन कुंआरी कन्या पूजन करना चाहिए. अन्यथा नवरात्र समाप्ति के दिन नौ कन्याओं का पूजन जरूर करना चाहिए. कुंआरी कन्या पूजन का भी विधि-विधान होता है. इस दिन कुंआरी कन्याओं की पूजन के लिए कन्याओं की कमी पड़ जाती है. माना जाता है कि नवरात्र करने वालों की मनोकामना तभी पूर्ण होती है जब नवमी के दिन नौ कन्याओं की पूजा की जाये. शास्त्र के अनुसार दस वर्ष तक की उम्र वाली कन्याओं के पूजन का विधान है. 10 वर्ष से अधिक उम्र की कन्या के पूजन को वर्जित माना गया है. दो वर्ष की कन्या को कुंआरी माना गया है. तीन साल की कन्या को त्रिमूर्तिनी, चार साल की कन्या को कल्याणी, पांच वर्ष की कन्या को रोहिणी, छह साल की कन्या को काली, सात साल की कन्या को चंडिका, आठ साल की कन्या को सांभवी, नौ वर्ष की कन्या को दुर्गा व 10 वर्ष की कन्या को सुभद्रा स्वरूप माना गया है. कुंआरी को मिष्टान भोजन कराने के बाद दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए. मेला घूमने जाने से पहले बरतें सावधानी प्रभात अपीलप्रतिनिधि, लखीसराय20अक्तूबर से मां दुर्गा का पट खुलते ही श्रद्धालु जहां एक ओर मां की पूजा करते हैं. वहीं शाम में लोग अपने परिवार के साथ मेला का आनंद लेते हैं. मेला घूमने जा रहे हैं तो कुछ सावधानी भी अवश्य बरतें.* संभव हो तो परिवार के एक सदस्य को घर पर अवश्य छोड़ दें.* कीमती सामान, कैश, जेवर इत्यादि बैंक के लॉकर में जमा कर दें.* घरों में रखे बाइक में डबल लॉक लगायें.* रात में घर के बाहर व भीतर बत्ती जला कर छोड़ दें.* अपने कार्यक्रम की जानकारी दूसरों का न दें.* घर में अगर सीसीटीवी कैमरा हो तो स्विच ऑन कर दें.* घर की रखवाली में पड़ोसियों से सहयोग लें. इसके अलावा मेले के दौरान सावधानी बरतें* बच्चे की जेब में अपना नाम, पता व मोबाइल नंबर लिखा कागज रख दें. मेला के दौरान हाथ पकड़ कर चलें.* जेवर पहन कर मेले में न जायें.* अगर कोई व्यक्ति संदिग्ध लगे तो मोबाइल से उसकी तस्वीर ले लें.* अफवाहों पर ध्यान न दें, विपरीत परिस्थिति में भी खुद को सामान्य बनाये रखें.* जेबकतरों से सावधान रहें.* यातायात नियमों का पालन करें तथा अपने वाहनों को तय पार्किंग स्थल पर खड़ी करें.* अगर कोई बच्चा खो गया हो तो उन्हें ढूंढने के साथ साथ पुलिस व पूजा पंडाल के सदस्यों की मदद लें व लाउडस्पीकर पर हो रहे उद्घोष पर भी ध्यान रखें.खाने पीने की लालच में न आयें. अजनबी लोगों से दूर रहें व लावारिस वस्तुओं को ना छुएं.लड़कियों के लिए बरती जानेवाली सावधानियांदोस्तों के साथ जाने की सूचना घर को दें. घर से परिवार संग ही निकलें. दोस्तों के साथ अकेली कहीं न जायें. पुलिस थाना, कंट्रोल रूम व अस्पतालों का नंबर जरूर रखें. जिस वाहन या ऑटो से जा रही है उसका नंबर नोट कर परिजनों को बता दें. इसके अलावा मेले में अगर कोई असुविधा हो तो इन नंबरों पर फोन करें * पुलिस अधीक्षक 9431800008* एसडीपीओ 9431800024* टाउन थाना 9431822671* कवैया थाना 9801802021* सूर्यगढ़ा थाना 9431822673* मेदनीचौकी थाना 9431822681* पीरी बाजार थाना 9431822678* कजरा थाना 9431822680* बड़हिया थाना 9431822674* हलसी थाना 9431822672* चानन थाना 9431822677* रामगढ चौक थाना 9934440499* पिपरिया थाना 9431822679 निकली बेलभरनी की शोभायात्रा फोटो : 21 बेलभरनी जुलूस में शामिल भक्त पालकी लिएफोटो : 22 रथ पर सवार मां शेरावाली की निकली शोभायात्रा प्रतिनिधि, लखीसरायमंगलवार को शहर के विभिन्न पूजा पंडालों से भव्य जुलूस के साथ मां दुर्गा की बेलभरनी निकाली गयी. पूजा स्थलों से बाजे-गाजे के साथ मां की डोली लेकर बेलभरनी की भव्य शोभायात्रा निकाली गयी. हाथी ,घोड़ा, ढाक, ढोल के साथ शोभायात्रा में हजारों भक्त शामिल हुए. मां दुर्गा के जयघोष से माहौल भक्तिमय बना रहा. स्त्रियां मां दुर्गा की महिमा का बखान करती गीत गाती शोभायात्रा के साथ चल रही थीं. जबकि कुछ युवक आतिशबाजी करते दिखे. हाथों में ध्वज लिय बच्चे बेलभरनी की डोली के आगे-आगे चल रहे थे. जबकि म्यूजिक सिस्टम पर माता की भक्ति गीतों पर लोग आस्था में डूब कर झूमते नजर आये. स्थानीय बड़ी दुर्गा स्थान, छोटी दुर्गा स्थान, थाना चौक स्थित दुर्गा मंदिर, विद्यापीठ चौक स्थित दुर्गा स्थान, हसनपुर स्थित मां मनोकामना मंदिर दुर्गा स्थान, बाजार समिति स्थित पूजा पंडाल, पंजाबी मुहल्ला स्थित दुर्गा स्थान व काली स्थान, पचना रोड भारत माता के पास इत्यादि से बेलभरनी की शोभायात्रा निकाली गयी. किऊल स्थित मंदिर से निकाली गयी बेलभरनी की शोभायात्रा में सैकड़ों स्थानीय श्रद्धालु एवं रेलवे कर्मचारी शामिल हुए. पचना रोड भारत माता का अनोखा है इतिहास प्रतिनिधि, लखीसरायनया बाजार स्थित पचना रोड भारत माता का इतिहास 48 वर्ष पुराना है. लगातार यहां भारत माता की प्रतिमा बनाई जाती है. यहां के श्रद्धालु के सहयोग से मंदिर का भी निर्माण कराया गया है. भारत माता मंदिर के दाहिने व बायें गणेश, हनुमान व अन्य देवी-देवताओं की आदमकद मूर्ति की सालों भर पूजा-अर्चना होती है. मंदिर के सदस्य संजीव कुमार ने बताया कि इनका इतिहास बहुत पुराना है. मंदिर में पुराने जमाने की कई महत्वपूर्ण मूर्ति थी जो मंदिर निर्माण से पहले गायब हो गयी. उसके बाद स्थानीय लोगों की कमेटी बनाकर मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया. मंदिर की महिमा निराली है. मंदिर में श्रद्धाभाव से लोग सालों भर पूजा-अर्चना करते हैं.
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नवरात्र में कन्या पूजन से मिलता है ऐश्वर्य
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