जमुई मोड़ के पास डेढ़ किलोमीटर सड़क हुई जजर्र
लखीसराय : जिला मुख्यालय में ही नियमों की अनदेखी की जाये तो अन्य जगहों पर स्थिति क्या होगी? लखीसराय विद्यापीठ चौक से जमुई, सिकंदरा तथा शेखपुरा जाने के लिए वर्तमान में एक मात्र मुख्य सड़क शहर के बीचोंबीच होकर गुजरती है. इसी रास्ते से बालू लदे ट्रकों की भी आवाजाही होती है.
शहर में जाम की समस्या को देखते हुए बालू लदे ट्रकों के लिए शहर में प्रवेश करने के सभी मार्गो पर नो-इंट्री का बोर्ड लगा दिया गया है. सुबह के छह बजे रात नौ बजे तक बालू लदे ट्रकों का लखीसराय में प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है. लेकिन इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है. इस वजह से शहर में जाम लगता है. बालू से पानी रिसने से रोड भी जल्द टूट जाता है.
शहर से एक किमी दूर लगा है बोर्ड : विद्यापीठ चौक से बड़हिया की ओर एक किलोमीटर पूर्व तथा समाहरणालय स्थित जमुई मोड़ से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूरी पर खैरी गांव के समीप नो-इंट्री का बोर्ड लगाया गया है. लेकिन नो इंट्री के पालन को लेकर प्रशासन शिथिल है.
इस वजह से बालू लदे ट्रक विद्यापीठ व जमुई मोड़ के पास ही आ कर लगा देते हैं. ऐसे में विद्यापीठ चौक व जमुई मोड़ पर अक्सर जाम लगता है. आधी सड़क ट्रकों को खड़ा करने से भर जाती है. शेष पर यदि दो वाहन क्रॉस कर रहे हों, तो जाम लग ही जाता है.
पानी गिरने से टूटती है सड़क : हालांकि विद्यापीठ चौक की ओर से प्रवेश करने वाले ट्रक खाली होते हैं. इस वजह से इनमें से पानी रिसने का खतरा नहीं रहता है. लेकिन जमुई मोड़ पर बालू लदे ट्रक खड़े किये जाते हैं. गीले बालू से पानी गिरता रहता है.
इस वजह से वहां बनने वाली सड़क कुछ दिनों बाद ही जजर्र हो जाती है. जमुई मोड़ पर गड्ढे होने की वजह इन ट्रकों से रिसनेवाला पानी ही है. यहां बालू लदे ट्रकों की संख्या इतनी होती है, कि इसकी कतार एक किलोमीटर तक लगी रहती है. ये ट्रक यहां लगभग दिन भर खड़े होते हैं.
जजर्र हुई डेढ़ किलोमीटर सड़क : लगभग एक किलोमीटर लंबी ट्रकों की कतार लगे होने से सड़क तो संकरी होती ही है. पानी की वजह से सड़क में जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं. लगभग डेढ़ किलोमीटर तक सड़क का हाल ऐसा है कि यहां गड्ढे में से सड़क ढूंढ़नी पड़ती है.
कहीं-कहीं तो गड्ढा एक से डेढ़ फीट का हो चुका है. इस वजह से यहां से होकर गुजरने वाले छोटे वाहनों को काफी परेशानी होती है. गड्ढे की वजह से दुर्घटना भी होती है. यह स्थान समाहरणालय के बिल्कुल पास है. बावजूद इसके जिला के वरीय पदाधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है. इस वजह से सड़कों की स्थिति बतदर है. जाम की समस्या भी यथावत है.