लखीसराय. नीतीश कुमार के एक बार फिर जदयू विधायक दल का नेता चुने जाने पर उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. इसके पहले नीतीश समर्थकों ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अवसरवादी नेता करार देते हुए विरोध प्रदर्शन किया और शहीद द्वार के समीप मांझी का पुतला भी फूंका. अपनी प्रतिक्रिया में प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष सह जिला जदयू नेता संजय महतो ने कहा कि जीतन राम मांझी एक मौका परस्त नेता साबित हुए.
पिछले लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश ने मुख्यमंत्री की कुरसी त्याग दी थी और जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री बनते ही पदलोलुपता का परिचय दिया. शनिवार को जदयू विधायक दल की बैठक में जिस तरह नीतीश जी को पार्टी विधायक दल ने नेता चुना यह पार्टी की एकजुटता दिखाता है.
स्थानीय चेंबर के अध्यक्ष रविशंकर सिंह अशोक के मुताबिक नीतीश कुमार ने बिहार के 11 करोड़ जनता के हित में फैसला लेते हुए पुन: पाटी संभालने का बड़ा फैसला लिया. नीतीश की अगुवाई में पुन: कानून व्यवस्था का राज कायम होगा. नीतीश जी को 97 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. उनका एक बार फिर मुख्यमंत्री बनना तय है. नीतीश कुमार के दोबारा सूबे की सत्ता संभालने से बिहार में विकास कार्यों में तेजी आयेगी. पूर्व जिप सदस्य आशुतोष कुमार के मुताबिक भाजपा के साथ मिल कर जीतनराम मांझी ने जो षड्यंत्र रचा वह सफल नहीं हो सका. मौका परस्त ताकतों को असली चेहरा बेनकाब हो गया.