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छज्जे के रास्ते कक्षा में जाते हैं बच्चे

लखीसराय : जिले के सूर्यगढ़ा शिक्षांचल अंतर्गत देवघरा सीआरसी के प्राथमिक विद्यालय ताजपुर भिड़हा चांय टोला में विद्यालय की छत पर कक्षाओं का संचालन होता है. बच्चे डेढ़ फीट संकरे छज्जे से होकर छत पर जाते हैं क्योंकि छत पर आने जाने का एकमात्र यही साधन उपलब्ध है. शुक्रवार को प्रभात पड़ताल के क्रम में […]

लखीसराय : जिले के सूर्यगढ़ा शिक्षांचल अंतर्गत देवघरा सीआरसी के प्राथमिक विद्यालय ताजपुर भिड़हा चांय टोला में विद्यालय की छत पर कक्षाओं का संचालन होता है. बच्चे डेढ़ फीट संकरे छज्जे से होकर छत पर जाते हैं क्योंकि छत पर आने जाने का एकमात्र यही साधन उपलब्ध है.

शुक्रवार को प्रभात पड़ताल के क्रम में उक्त विद्यालय की जानकारी ली गयी तो स्थिति चौकाने वाली थी. राशि एवं चावल की उपलब्धता के बावजूद दो दिनों से एमडीएम बंद था. विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि एक ही परिवार की दो रसोइया को खाना बनाने के लिए नियुक्त किया गया है. रसोइया की पुत्री बीमार है. इसलिए दोनों रसोइया दो दिनों से खाना बनाने नहीं आयी.
* जरा-सी चूक हुई, और गिरे
तकरीबन 1.30 बजे विद्यालय के बाहर बच्चे मौज मस्ती करते नजर आये. दर्जनों बच्चे छज्जा पर इधर उधर दौड़ते देखे गये. थोड़ी सी असावधानी के बाद वे 10 फीट नीचे जमीन पर गिर सकते थे. नीचे गिट्टी का ढेर रखा था. पंचायत शिक्षक संजय कुमार, रंजिता कुमारी, नीलेश ठाकुर धूप सेंकते नजर आये. पूछने पर जानकारी मिली कि विद्यालय प्रधान नागेश्वर प्रसाद सीआरसी की बैठक में गये हुए हैं.
जब शिक्षकों को समाचार पत्र के प्रतिनिधि के आने की भनक मिली तो वे बच्चों को कक्षा में जाने का आदेश देने लगे. पूछने पर शिक्षक संजय कुमार ने बताया कि विद्यालय के बच्चे काफी शरारती हैं. छज्जा पर से 8 फीट नीचे गिट्टी पर कूद जाते हैं इसलिए निगरानी करनी होती है. विद्यालय में पदस्थापित 8 शिक्षकों में से मात्र तीन शिक्षक उपस्थित थे. दो शिक्षिका शारदा कुमारी एवं माधुरी कुमारी ट्रेनिंग लेने गयी हुई थी. शिक्षक दिवाकर कुमार उपस्थिति बना कर विद्यालय से गायब थे. पूछने पर साथी शिक्षकों ने बताया कि वे दवा लेने गये हैं. एक अन्य शिक्षक ब्रजेश कुमार आजाद समन्वयक का कार्य देखते हैं. विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति व्यवस्था को आईना दिखाता नजर आया.
* शिक्षकों को पता नहीं बच्चों का सही आंकड़ा
कक्षा एक में बच्चों की संख्या अधिक होने के कारण बालक व बालिका की अलग-अलग कक्षा चलती है. कक्षा एक बालक वर्ग में शिक्षक संजय कुमार कक्षा में बच्चों को बैठाने की तैयारी करने लगे. बरामदे पर 6 बच्चों को बैठाया गया. पूछने पर शिक्षक ने बताया कि ये तीसरी कक्षा के छात्र हैं. शिक्षकों की कमी की वजह से इन्हें बरामदे पर बैठा कर कक्षा एक के शिक्षक द्वारा एक साथ पढ़ाया जाता है.
विद्यालय की छत पर कक्षा चार एवं पांच एक साथ चलाया जा रहा था. छत पर डेढ़ फीट चौड़ाई वाले छज्जा से होकर ही जाया जा सकता है. दोनों कक्षाओं में 78 बच्चे उपस्थिति पंजी में दर्ज की गयी लेकिन मात्र 45 बच्चे उपस्थित थे. आश्चर्य की बात तो यह है कि उक्त विद्यालय में कुल कितने बच्चे नामांकित है इसकी जानकारी प्रधान शिक्षक सहित अन्य शिक्षकों को नहीं थी.
कोई शिक्षक कुछ आंकड़ा बताया तो कुछ ने अलग आंकड़ा बताया. वहीं छात्र नीतीश, राजू, मिथुन, अमन, बिट्टु, भागीरथ, रोहित आदि ने बताया कि दो दिनों से एमडीएम बंद है. उक्त विद्यालय में नामांकित 424 छात्र-छात्राओं में से पोशाक एवं छात्रवृत्ति के लिए 400 छात्र-छात्राओं का मांग पत्र दिया गया है. सूत्रों की मानें तो पोषाहार पंजी से संख्या के मिलान के बाद अनियमितता सामने आ सकती है.

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