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शराब तस्करी में ट्रक चालक को उम्रकैद
लखीसराय :व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार सिंह सह विशेष न्यायाधीश ने अवैध शराब कारोबार में संलिप्त के मामले में पूर्ण नशाबंदी कानून के तहत मात्र 4 माह 13 दिन के अंदर एक आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी. शेष दो को आठ-आठ वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी […]
लखीसराय :व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार सिंह सह विशेष न्यायाधीश ने अवैध शराब कारोबार में संलिप्त के मामले में पूर्ण नशाबंदी कानून के तहत मात्र 4 माह 13 दिन के अंदर एक आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी. शेष दो को आठ-आठ वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी. वहीं एक संदेह का लाभ देकर एक आरोपी को रिहा कर दिया गया.
वहीं पकड़े गए एनएल 02 2444 के ट्रक चालक झारखंड बोकारो जिला के चंद्रपुरा थाना क्षेत्र के सेंट्रल कॉलोनी निवासी मान सिंह के पुत्र पूर्ण जिंदर सिंह को आजीवन सश्रम कारावास के साथ-साथ 2 लाख 52 हजार का अर्थदंड का फैसला सुनाया गया. अर्थदंड नहीं भुगतान करने पर अतिरिक्त छह माह की सजा का आदेश दिया गया है.
जमुई जिला के गिद्धौर थाना क्षेत्र के गंगरा निवासी शंकर सिंह के पुत्र विकास कुमार एवं बेगूसराय जिला के शाम्भो थाना क्षेत्र के सोनवर्षा निवासी अमिनी शर्मा के पुत्र गुंजन कुमार को आठ-आठ वर्ष की अधिकतम सश्रम कारावास एवं 1 लाख 52 हजार अर्थ दंड का फैसला सुनाया गया. अर्थदंड की राशि के भुगतान नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त सजा की बात कही गयी है.
वहीं जमुई जिला के गिद्धौर थाना क्षेत्र के गंगरा निवासी अजय सिंह के पुत्र प्रिंस कुमार को संदेह का लाभ देकर रिहा कर दिया गया. शेष आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से विचारण लंबित है. विशेष अपर लोक अभियोजक उत्पाद अनंत कुमार ने बताया कि बिहार मद्य निषेध अधिनियम के तहत विचारण के उपरांत फैसला सुनाया गया है.
विशेष लोक अभियोजक उत्पाद के अनुसार गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष सूर्यगढ़ा रामनिवास प्रसाद के नेतृत्व में छापामारी कर शाम्भो -सूर्यगढ़ा पथ खंड में शाम्भो की ओर ट्रक द्वारा शराब ले जाते दिनांक 13 अक्टूबर 18 को पकड़ा गया था. जिससे जांच के दौरान 750 एमएल के 174 कार्टून विदेशी शराब बरामद किया गया था . प्रत्येक कार्टून में 750 एमएल के 12-12 बोतल विदेशी शराब थी.
ट्रक में शराब बरामदगी के उपरांत चालक सहित ट्रक को थाना लाया गया . पूछताछ के दौरान ऊक्त चार संलिप्त लोगों का नामों को उजागर किया गया. मामले में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता रमेश प्रसाद सिंह व सहदेव यादव थे जबकि अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक उत्पाद कृष्णा चौधरी व अपर विशेष लोक अभियोजक उत्पाद अनंत कुमार बहस में हिस्सा लिया.
सजा सुनाने से पूर्व जज ने गांधीजी के विचारों को रखा : फैसला सुनाये जाने से पूर्व अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद रंजीत कुमार सिंह ने अपने आदेश में कहा कि पूर्ण नशाबंदी गांधी विचारधारा का सबसे महत्वपूर्ण अंग है. गांधीजी पूर्ण नशाबंदी के सबसे बड़े पैरोपकार थे.
उनके विचार में शराब पीना एक सामाजिक बुराई है. स्वतंत्रता के बाद भारतीय संविधान में भी राज्य के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत पूर्ण शराबबंदी को स्थान दिया गया है. बिहार में पूर्ण शराबबंदी महात्मा गांधी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है साथ ही उन्होंने अपने आदेश में यह भी कहा है कि शराबबंदी के बाद से अपराध में भी कमी आयी है तथा बिहार में आर्थिक प्रगति आयी है. यहां तक की मीडिया व अन्य माध्यम से पता चला है कि बिहार में शराबबंदी के मामले में पहला आजीवन कारावास की सजा दी गयी.
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