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एडीबी शाखा के मुख्य दरवाजे पर जड़ा ताला

एसबीआइ कृषि शाखा उठाने के खिलाफ खाताधारी हुए आक्रोशित जेनरेटर, बिजली लाइन को घंटों रखा बाधित लखीसराय : शहर के पुरानी बाजार चितरंजन रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक के कृषि शाखा को उठाने को लेकर इसके आक्राेशित दर्जनों खाताधारकों ने रविवार को ही बैंक पहुंच कर बैंक के मुख्य गेट पर ताला लगा विरोध प्रदर्शन […]

एसबीआइ कृषि शाखा उठाने के खिलाफ खाताधारी हुए आक्रोशित

जेनरेटर, बिजली लाइन को घंटों रखा बाधित
लखीसराय : शहर के पुरानी बाजार चितरंजन रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक के कृषि शाखा को उठाने को लेकर इसके आक्राेशित दर्जनों खाताधारकों ने रविवार को ही बैंक पहुंच कर बैंक के मुख्य गेट पर ताला लगा विरोध प्रदर्शन किया. इतना ही नहीं बिजली का कनेक्शन काट दिया और जेनरेटर रूम में भी ताला लगा कर लोग घंटों बैंक के दरवाजे पर बैठे रहे़ ऐसे में विधि व्यवस्था को लेकर टाउन थाना पुलिस पहले ही सचेत थी.
अंतत: पुलिस के हस्तक्षेप के उपरांत सोमवार को पुन: तालाबंदी करने का निर्णय के साथ खाताधारकों ने मुख्य दरवाजे का ताला खोल दिया. यहां बता दें कि एडीबी शाखा को मुख्य शाखा में मर्ज करने का अंदेशा जनवरी महीने से ही उपभोक्ताओं हो चुकी थी़ विभागीय पदाधिकारियों एवं जिला प्रशासन के समक्ष लगातार विरोध जताये जाने के बावजूद इस शाखा को मुख्य शाखा में मर्ज कर दिया गया है़ अब सोमवार से एडीबी के खाताधारकों को मुख्य शाखा में जाकर बैंकिंग कार्य कराना होगा़ इसलिए खाताधारकों ने रविवार को ही बैंक पहुंच कर विरोध प्रदर्शन करने लगे. इस विरोध प्रदर्शन में शामिल पेंशनर समाज के जगदीश प्रसाद सिंह, प्रेम कुमार, नवल सिंह आदि ने बताया कि घर के नजदीक बैंक का फायदा मिलता रहा है़ मुख्य शाखा में जाने पर भीड़-भाड़ वाले बैंक में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा़ इधर, युवा समाजसेवी खाताधारक हिमांशु सिंह, धीरज कुमार, अंजनी कुमार, नवीन कुमार, मुकुल सिंह, अमिताभ कुमार आदि ने बताया कि 55 हजार खाताधारकों के साथ नाइंसाफी बरदाश्त नहीं की जायेगाी. पूर्व में एलडीएम लखीसराय द्वारा एडीबी शाखा के जगह नया व्यवसायिक शाखा देने का आश्वासन दिया गया था, परंतु एकाएक पुन: इसे पूरी तरह मर्ज करने की प्रक्रिया खाताधारकों के साथ धोखा है़ इस संबंध में एलडीएम युगल किशोर सेठी ने बताया कि एसबीआई के वरीय अधिकारियों द्वारा निर्णय लिया गया है़ उनके ही द्वारा इस मुद्दे पर कुछ कहा जा सकता है़

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