एनक्वास प्रमाणीकरण: ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता की गारंटी
किशनगंज. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को उच्च गुणवत्ता और विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. जिले के झाला एवं बेस गोपालगंज हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) को राज्यस्तरीय एनक्वास (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड) प्रमाणीकरण के लिए तैयार किया जा रहा है. यह प्रमाणीकरण केंद्रों में स्वच्छता, मरीजों की सुविधा, आधुनिक चिकित्सा उपकरणों और प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जाता है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और जिला प्रशासन के सहयोग से यह प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. 20 मार्च से पहले राज्यस्तरीय टीम द्वारा निरीक्षण किया जाएगा, जिसके आधार पर इन स्वास्थ्य केंद्रों को प्रमाणीकरण प्रदान किया जाएगा.ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगा उच्च गुणवत्ता वाला इलाज, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रतिबद्धता:
सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने इस अवसर पर कहा, एनक्वास प्रमाणीकरण से झाला एवं बेस गोपालगंज हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की गुणवत्ता में अप्रत्याशित सुधार होगा. इससे मरीजों को न केवल उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि केंद्र की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी. हमारी पूरी टीम इसे एक मॉडल हेल्थ सेंटर के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रमाणीकरण मिलने के बाद केंद्र में बेहतर चिकित्सा उपकरण, नियमित स्वास्थ्य शिविर, दवा की सुलभता और प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाएं मिलेंगी. इससे ग्रामीणों को छोटे-बड़े इलाज के लिए दूरस्थ शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा और स्थानीय स्तर पर ही त्वरित चिकित्सा सुविधा प्राप्त होगी.प्रमाणीकरण से बढ़ेगा स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर, स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव की जरूरत: डीएम
जिलाधिकारी विशाल राज ने इस पहल को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने कहा कि झाला एवं बेस गोपालगंज हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का एनक्वास प्रमाणीकरण केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में नए युग की शुरुआत है. हमारा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को अपने गांव में ही उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें. उन्होंने कहा कि प्रमाणीकरण मिलने के बाद इन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर आपातकालीन चिकित्सा सुविधा, टीकाकरण, मातृ-शिशु देखभाल, लैब जांच, और प्राथमिक चिकित्सा जैसी सुविधाएं और मजबूत हो जाएंगी. इससे लोगों को समय और पैसे दोनों की बचत होगी और स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान तेजी से हो सकेगा.केंद्रों पर जोरों से चल रही तैयारियां, साफ-सफाई, उपकरण और स्टाफ प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान
प्रभारी डीक्यूएसी सुमन सिन्हा ने बताया कि जिला स्वास्थ्य समिति और स्वास्थ्य विभाग मिलकर झाला एवं बेस गोपालगंज एचडब्ल्यूसी को प्रमाणीकरण के लिए तैयार करने में जुटे हुए हैं. निरीक्षण से पहले केंद्र पर साफ-सफाई, आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता, दवाओं का भंडारण और स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. केंद्र में सप्ताह के तीन दिन टीकाकरण, नियमित स्वास्थ्य शिविर, और समुदाय आधारित स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इससे स्थानीय लोगों में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है.अब शहर जाने की जरूरत नहीं, केंद्रों पर मिलेंगी आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं
झाला एवं बेस गोपालगंज एचडब्ल्यूसी में पहले से ही कई आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं. अब एनक्वास प्रमाणीकरण मिलने के बाद यहां इमरजेंसी सेवाओं, प्रसव, टीकाकरण, लेबर रूम की सुविधाएं और बेहतर होंगी. ग्रामीणों को अब छोटे-बड़े इलाज के लिए शहरों का रुख करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. प्रभारी डीपीएम डॉ मुनाजिम ने बताया कि हमारी पूरी कोशिश है कि केंद्रों को हर मानक के अनुरूप बनाया जाए. एनक्वास प्रमाणीकरण मिलने के बाद यहां की सेवाओं का स्तर एकदम अलग होगा. यह ग्रामीणों के लिए वरदान साबित होगा.स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन का संयुक्त प्रयास है कि 20 मार्च तक दोनों स्वास्थ्य केंद्रों का राज्यस्तरीय एनक्वास प्रमाणीकरण हो जाए. इससे यह केंद्र जिले के अन्य हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के लिए मिसाल बनेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा. “हमारा लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके द्वार पर ही उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं. स्वास्थ्य सेवा हर नागरिक का अधिकार है, और हमारा प्रयास है कि किशनगंज के हर व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुंचे.
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