दिघलबैंक : प्रखंड के सीमावर्ती गांव के निवासी इन दिनों नेपाल के जंगलों से भटक कर आये जंगली हाथियों के झुंड से भयभीत है़ं पंद्रह दिनों में कई बार हाथियों का झुंड इस क्षेत्र में आ चुका है़ हाथियों के झुंड के आने से यहां के किसान दोहरी मार झेल रहे है़ं खेतों में लगे मक्के की फसल को जहां हाथी बरबाद करते हैं तो वहीं दूसरी ओर कच्चे मकान एवं अनाज को नुकसान पहुंचाते है़ं सीमावर्ती क्षेत्र के लोग रात्रि में घर से बाहर निकलने में डरते हैं न जाने किधर से हाथी आ जाये कहना मुश्किल है़ रविवार रात सात हाथियों के झुंड को देखा गया, जिसने जमकर उत्पात मचाया़ तड़के सुबह हाथियों का झुंड भारत
नेपाल सीमा से सटे गांव कुतुबभीट्ठा, डुबाटोली, बालुबाड़ी, कजला, बैरबन्ना होते हुए पांचगाछी पहुंचा जहां श्रवण लाल गिरी के घर का बाहरी हिस्सा को गिरा दिया़ स्थानीय पंचायत समिति सदस्य तेज नारायण गिरी उर्फ बेदलू ने बताया कि सुबह 5.30 बजे अचानक हाथियों का झुंड श्रवण लाल गिरी के आंगन में पहुंच गया, जहां सभी लोग सो रहे थे़ कुछ महिलाएं अचानक हाथियों का झुंड को देख कर चिल्लाते हुए भागी और लोगों को जगाया़ लगभग दस मिनट रुकने के बाद हाथियों का झुंड नेपाल के पिंडाल बाड़ी गांव के ओर चला गया. सीमावर्ती क्षेत्र में नेपाल से हाथियों का आना अब आम बात हो गयी है़ ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना बीडीओ को दी गयी. बीडीओ नर्मदेश्वर झा ने बताया कि हाथियों द्वारा नुकसान किये गये फसलों के निरीक्षण के लिए कृषि पदाधिकारी क्षेत्र का दौरा कर रहे है़ं