किशनगंज : शराबबंदी के मुद्दे पर किशनगंज में शनिवार को 7.5 लाख से ज़्यादा लोग ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर मानव शृंखला बनायी. यह मानव शृंखला पश्चिम बंगाल और नेपाल सीमा से प्रारंभ होगा चरघरिया पुल पर अररिया जिले की शृंखला से जुड़ गयी. शराबबंदी के समर्थन में पूरा किशनगंज एक सूत्र में बंध […]
किशनगंज : शराबबंदी के मुद्दे पर किशनगंज में शनिवार को 7.5 लाख से ज़्यादा लोग ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर मानव शृंखला बनायी. यह मानव शृंखला पश्चिम बंगाल और नेपाल सीमा से प्रारंभ होगा चरघरिया पुल पर अररिया जिले की शृंखला से जुड़ गयी. शराबबंदी के समर्थन में पूरा किशनगंज एक सूत्र में बंध गया था.
निर्धारित समय दोपहर 12.15 से काफी पहले लगभग 10 बजे से लोगों ने शृंखला बनाना प्रारंभ कर दिया था. 12:15 से एक बजे तक न केवल विश्व की वरन किशनगंज जिले के लिए भी यह शृंखला ऐतिहासिक रही.
उम्मीद से अधिक मिली सफलता: जदयू विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने मानव शृंखला को सफल बताया और कहा कि इससे सभी वर्गों में सकारात्मक संदेश गया है. पूरे जिले से ने आयी रिपोर्ट से यह जाहिर हो गया है कि मानव शृंखला हर प्रखंड में जबर्दस्त तरीके से सफल रही.
चारो ंकोने एक सूत्र में बंधे
जिले के चारो कोने मानव शृंखला के द्वारा एक सूत्र में पिरो दिया गये. शृंखला के जरिए पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण एनएच 327 ई, एनएच 31 व एसएच पर 249 किलोमीटर लंबा बनाया गया. इसमें करीब 7.5 लाख लोग शामिल हुए. उतर दिघलबैंक नेपाल सीमा से भाया बहादुरगंज होते हुए दक्षिण किशनगंज का प्रस्तावित रूट 55 किमी था जबकि पूरब बंगाल सीमा गलगलिया से अररिया सीमा स्थित चरघरिया तक 71 किलोमीटर का रहा. किशगनंज प्रखंड में 33 किमी, कोचाधामन 25 किमी, बहादुरगंज 27 किमी, दिघलबैंक 21 किमी, टेढ़ागाछ प्रखंड में 24, पोठिया 45 किमी, ठाकुरगंज 178 किमी उप क्षेत्र में लंबी मानव शृंखला बनी.