-बौद्धिक विकास में मातृ भाषा का योगदान विषय आयोजित होगा सेमिनार
किशनगंजः पश्चिमी सभ्यता की नकल की होड़ में सूबे के अधिकांश शिक्षक व छात्र-छात्रएं अपनी मातृ भाषा से दूर होते जा रहे हैं. नतीजतन प्रतिस्पर्धा की दौड़ में वे आगे तो बढ़ जाते हैं, लेकिन उनका विकास अवरुद्ध हो जाता है. इसलिये प्रतिस्पर्धा के लिये मातृ भाषा को न छोड़ें. ये बातें दिशा फाउंडेशन के अध्यक्ष अली हसमत रेहान ने बुधवार को स्थानीय खानकाह चौक के स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि दिशा फाउंडेशन मातृ भाषा से विमुख हो रहे 3 से 8 वर्ष के छात्र-छात्राओं को मातृ भाषा का ज्ञान उपलब्ध करायेगा. उन्होंने कहा कि आगामी शुक्रवार को दिशा फाउंडेशन सीपी कामी एएमयू एवं जिला शिक्षा विभाग द्वारा एनसीपीयूएल मानव संसाधन विकास मंत्रलय भारत सरकार के सौजन्य से स्थानीय टाउन हॉल में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जायेगा. बौद्धिक विकास में मातृ भाषा का योगदान विषय पर आयोजित सेमिनार के दौरान एएमयू के भूतपूर्व कुलपति ब्रिगेडियर सैयद अहमद अली, प्रो डा शमीम अहमद अंसारी, पूर्व उपाध्यक्ष बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल डा अबुजर कमालउद्दीन, सुपर 30 के निदेशक प्रो आनंद कुमार, एसईसीएबी कर्नाटक के डायरेक्टर सलाहउद्दीन अय्यूबी एस पूणोकर सहित कई अन्य शिक्षा विद् छात्र-छात्रओं को शिक्षा के महत्व पर अपने विचारों से अवगत करायेंगे.
इस मौके पर दिशा फाउंडेशन के सचिव तफहीमुर्रहमान, मोहतशिम रजा सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.