किशनगंज : नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री जनधन खातों में मोटी रकम जमा होने पर आयकर विभाग की हजारों खातों पर पैनी नजर है. विभाग ने लगभग एक हजार स्माॅल सेविंग एकाउंट को चिह्नित करके खातों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है. नौ नवंबर से 500 और एक हजार रुपये के नोट बंद होने पर जनपद […]
किशनगंज : नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री जनधन खातों में मोटी रकम जमा होने पर आयकर विभाग की हजारों खातों पर पैनी नजर है. विभाग ने लगभग एक हजार स्माॅल सेविंग एकाउंट को चिह्नित करके खातों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है. नौ नवंबर से 500 और एक हजार रुपये के नोट बंद होने पर जनपद में 21 नवंबर तक प्रधानमंत्री जनधन खातों में भारी संख्या में रुपये जमा हुए है,
लेकिन बैंक अधिकारी लोकल स्तर पर इसकी जानकारी देने से साफ इनकार कर रहे हैं. यह देखा गया कि जब से यह खाते खोले गये थे, तब से इसमें किसी प्रकार का लेन-देन नहीं हुआ था. बैंक अधिकारी से खाते में जमा की गयी रकम का ब्योरा मांगा जा रहा है.
विभागीय सूत्रों के मुताबिक जितने भी खाते चिह्नित किये गये हैं. इसमें जो रुपये डाले गये हैं, उनको लेकर संशय है. जांच-पड़ताल पर स्पष्ट हो पाएगा कि सच्चाई क्या है. अगर खाता धारक आय का स्त्रोत नहीं बता पायेगा, तो उन पर कार्रवाई होगी. स्त्रोत बताने पर कोई कार्रवाई नहीं होगी.
हर जमा पर नजर
बैंक खातों में जमा हो रही हर छोटी-बड़ी सभी रकम पर आयकर विभाग की नजर है. नोटबंदी के बाद लोगों ने आयकर की नजर से बचने के लिए जनधन खातों में 50 हजार रुपये से कम जमा कराया था, ताकि उन्हें पैन कार्ड न देना पड़े.
अब धीमी पड़ी रफ्तार
जनधन खातों से एक माह में 10 हजार रुपये निकलने के कारण अब लोग इन खातों में रुपये जमा करने से बच रहे हैं. स्माॅल सेविंग एकाउंट में यह चीजें ज्यादा दिखायी दे रही हैं. लोग उसमें पुराने नोट जमा कर रहे हैं.