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पीडब्ल्यूडी सड़क पर बढ़ा दबाव

एनएच 327 ई. मीरभिट्टा पुल की मरम्मत नहीं, बंद है आवागमन िपछले माह आयी बाढ़ और नदियों के जल स्तर में भारी वृद्धि के कारण मीरभिट्टा पुल के एक हिस्से का संपर्क पथ काफी डैमेज हो गया है. इस कारण मीरभिट्टा पुल होकर बड़े और भारी वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगा […]

एनएच 327 ई. मीरभिट्टा पुल की मरम्मत नहीं, बंद है आवागमन िपछले माह आयी बाढ़ और नदियों के जल स्तर में भारी वृद्धि के कारण मीरभिट्टा पुल के एक हिस्से का संपर्क पथ काफी डैमेज हो गया है. इस कारण मीरभिट्टा पुल होकर बड़े और भारी वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है.

ओवर लोडेड वाहनों के परिचालन से सड़क हो रहा डेमैज
पौआखाली : अररिया-सिलिगुड़ी नेशनल हाइवे 327 ई पर पौआखाली के समीप स्थित मीरभिट्टा पुल होकर बड़े और भारी वाहनों के परिचालन को पूरी तरह से जिला प्रशासन द्वारा प्रतिबंध के बाद अबतक पुनः दोबारा परिचालन शुरू नहीं किया जा सका है. गौरतलब है कि अररिया से सिलिगुड़ी तक नेशनल हाइवे 327ई यात्रियों के लिए सीधा और सुगम मार्ग है. रोजाना सैकड़ों वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं. पिछले माह आयी बाढ़ और नदियों के जल स्तर में भारी वृद्धि के कारण इस मार्ग पर मीरभिट्टा पुल के एक हिस्से का संपर्क पथ काफी डैमेज हो जाने से जिलाधिकारी के निर्देश के बाद से ही पुल के पश्चमी हिस्से में लोहे के बैरिकेट लगाकर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दिया गया, जो अबतक रोक जारी है़
पौआखाली-डेरामारी सड़क झेल रही भारी और ओवरलोड वाहनों का बोझ : मीरभिट्टा पुल पर रोक के बाद से ही भारी और ओवरलोड वाहनों के परिचालन का बोझ हाल ही में करोड़ों की राशि से बने पौआखाली-डेरामारी पीडब्ल्यूडी सड़क पर है. दिन में यात्री बसों के अलावा छोटे वाहनों का परिचालन जारी है. रात्रि बजे के बाद से सुबह तक इस मार्ग पर ओवरलोड वाहनों का भी परिचालन लगातार जारी है. गिट्टी,बालू, बेडमिसाली आदि सामानों से लदे ट्रकों का परिचालन पर किसी प्रकार का कोई रोक प्रशासन द्वारा नहीं लगाया जा रहा है. सड़क की चौड़ाई कम होने के चलते इस मार्ग पर पौआखाली बाजार सहित कई जगहों में लगातार जाम से लोगों को दो चार होना पड़ता है.
मीरभिट्टा पुल पर लगा लौहे का बैरिकेट.
नहीं लगा भारी वाहनों के परिचालन पर रोक
महज चंद माह पूर्व ही पौआखाली-डेरामारी पीडब्ल्यूडी सड़क का निर्माण हुआ. बाढ़ में एनएच 327 इ पर आवागमन बंद होने के बाद इसी मार्ग से अब सभी वाहन गुजर रहे हैं. ऐसे में इसके अस्तित्व एक बार फिर से खतरे में पड़ गया है. रोजाना भारी और ओवरलोड वाहनों के परिचालन से सड़क आवश्यकता से अधिक बोझ सहन नहीं कर पा रही है. सड़क की क्षमता ज्यादा से ज्यादा पंद्रह से पच्चीस टन है, किंतु वर्तमान में इस सड़क पर 50 से 80 टन भार वाले वाहनों का परिचालन जारी है. इस कारण सड़क समय से पूर्व की गिट्टी निकलना शुरू हो गया है. ऐसे में किशनगंज जिला मुख्यालय तक के लिए फिलहाल एकमात्र शार्टकट और सुरक्षित सड़क काफी लंबे समय के पश्चात इलाके के लोगों को जर्जर और क्षतिग्रस्त से छुटकारा मिलने के चंद माह बाद फिर से एक बार सड़क की वही पुरानी स्थिति और दशा बनते देख क्षेत्र लोग काफी आक्रोशित हैं.

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