किशनगंज : स्थानीय रेलवे स्टेशन परिसर के निकट एनएच31 किनारे कुकुरमुत्ते की तरह उग आये झुग्गी झोपड़ी वासियों पर रेलवे ने अपना डंडा चलाया और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अपने अतिक्रमित जमीन को देखते ही देखते अतिक्रमण मुक्त भी करा दिया. परंतु चिलचिलाती धूप के बीच सर से छत के छिन जाने का गम भी
अतिक्रमणकारियों के चेहरों पर स्पष्ट दिखा. लोगों का स्पष्ट कहना था कि इस भीषण गर्मी के बीच अब उन्हें यह चिंता जताने लगी है कि अब ये जाये भी तो कहां जाये. जबकि आरपीएफ कर्मियों का कहना था कि अतिक्रमणकारियों को पूर्व में ही जमीन खाली करने का निर्देश दे दिया गया था. यहां बताते चले कि स्थानीय रेल प्रशासन द्वारा समय समय पर रेलवे की अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराने का अभियान चलाया जाता रहा है.
परंतु अभियान के ठंडा पड़ते ही अतिक्रमणकारी फिर से रेलवे की जमीन पर जबरन कब्जा जमा लेते है और देखते ही देखते पूरा का पूरा इलाका झुग्गी झोपड़ी में तब्दील हो जाता है. हालांकि इन झोपडि़यों में चलने वाले चाय नास्ता की दुकान होटल आदि को हटा दिये जाने के बाद अब गरीब तबके के यात्रियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा. परंतु सर से छत के छिन जाने के बाद सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना झुग्गी-झोपड़ी वासियों को ही करना पड़ेगा.