किशनगंज : पहले बाइक, फिर गैलन और अब जुगाड़ वाहन व ट्रैक्टर पर बड़े-बड़े ड्रम में पेट्रोलियम पदार्थों की तस्करी प्रशासन के लिए न केवल चुनौती बन गयी है, बल्कि इस धंधे में माफियाओं का बड़ा रैकेट भी तैयार हो गया है. आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग खेती के लिए दस-बीस लीटर […]
किशनगंज : पहले बाइक, फिर गैलन और अब जुगाड़ वाहन व ट्रैक्टर पर बड़े-बड़े ड्रम में पेट्रोलियम पदार्थों की तस्करी प्रशासन के लिए न केवल चुनौती बन गयी है, बल्कि इस धंधे में माफियाओं का बड़ा रैकेट भी तैयार हो गया है.
आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग खेती के लिए दस-बीस लीटर डीजल लेने पेट्रेाल पंप जाते हैं, तो नहीं मिलता है और कहा जाता है अधिकारियों से लिखवा कर लाओ. फिर बड़े माफियाओं को एक ही रात में एक टैंकर डीजल और पेट्रोल कैसे मिल जाता है.
कब रुकेगी तस्करी
पेट्रोलियम पदार्थ की तस्करी आखिर कब और कैसे रुकेगी कहना मुश्किल है. एसएसबी की सख्ती के बाद भी तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है. अगर पेट्रोलियम तस्करी के गिरोह की बात करें, तो आशंका जतायी जा रही है जिले के वैसे लोग इसमें शामिल हो गये हैं, जिनकी चर्चा पूरे क्षेत्र में आम हो गयी है.
अगर ठाकुरगंज-दिघलबैंक, टेढ़ागाछ प्रखंड की बात करें, तो कई सफेदपोश के सगे संबंधियों का नाम सुपारी, रासायनिक खाद, सखुआ की लकड़ी, पेट्रोलियम पदार्थ व खाद्य तेल के अलावा पशु तस्करी में सुर्खियों में है. तस्करी के इस नायाब धंधे में लग कर लाखों का वारा-न्यारा कर रहे हैं. तस्करों के विरुद्ध अपेक्षित कठोर कार्रवाई नहीं होना एक प्रकार से तस्करों का मनोबल बढ़ाने में सहायक साबित हो रहा है. अब तक जितनी कार्रवाई एसएसबी ने की उसे लोग महज खानापूर्ति मान रहे हैं.
पंप संचालकों पर उठ रही उंगली
पेट्रोलियम पदार्थों की तस्करी को परवान चढ़ाने में एक प्रकार से पंप संचालकों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता. कई ऐसे पंप संचालक हैं, जो अधिक मुनाफा लेकर तस्करों को पेट्रोलियम पदार्थ मुहैया करा रहे हैं. भारत-नेपाल सीमा के आस-पास जैसे ठाकुरगंज, पौआखाली, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, बहादुरगंज प्रखंडों के कई ऐसे पंप संचालक हैं, जिनके पंप पर तस्करों का गिरोह सक्रिय होकर पेट्रोलियम पदार्थ लेते हुए देखे जा सकते हैं. पंप संचालक यह अच्छी तरह से जानते है कि कौन सही और कौन गलत ग्राहक है फिर भी रुपयों की लालच में तस्करों को ऑयल दे कर उनका मनोबल बढ़ाया जा रहा है.
एसएसबी ने चला रखा है अभियान
पेट्रोलियम पदार्थों की तस्करी हो या फिर सुपारी की, सभी के विरुद्ध एसएसबी ने सघन अभियान चला रखा है. आये दिन भारी मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थों की खेप पकड़ी जा रही है. बावजूद तस्करों पर रोक नहीं लग पा रही है.