छत्तरगाछ : पोठिया प्रखंड के बुधरा पंचायत के दर्जनों गांव के लोग आज भी आदम युग में जी रहे हैं. सड़क व पुल के अभाव में बांस के बने चचरी पुल के सहारे आने-जाने की मजबूरी है. आमबाड़ी डोंक नदी घाट पर पुल निर्माण कार्य विधान सभा चुनाव में चुनावी मुद्दा बनेगा. इस बार उन्हीं […]
छत्तरगाछ : पोठिया प्रखंड के बुधरा पंचायत के दर्जनों गांव के लोग आज भी आदम युग में जी रहे हैं. सड़क व पुल के अभाव में बांस के बने चचरी पुल के सहारे आने-जाने की मजबूरी है.
आमबाड़ी डोंक नदी घाट पर पुल निर्माण कार्य विधान सभा चुनाव में चुनावी मुद्दा बनेगा. इस बार उन्हीं को वोट मिलेगा जो बनायेगा आमबाड़ी डोंक नदी घाट पर पुल. प्रखंड क्षेत्र स्थित बुधरा पंचायत के आमबाड़ी डोंक नदी घाट पर पुल निर्माण कार्य करने की मांग स्थानीय लोगों द्वारा कई दशक से किया जा रहा है.
परंतु नेता बदले सरकार बदली मगर नहीं हो सका, तो ग्रामीणों की समस्याओं का निबटारा. आधा दर्जन से अधिक पंचायतों के लगभग पचास हजार लोगों को डोंक नदी के पश्चिमी छोर परबसे लोगों को प्रखंड मुख्यालय से तो डोंक नदी पूरब छोर पर अवस्थित पंचायत के लोगों को ऐतिहासिक हाट छत्तरगाछ से जोड़ती है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि यदि डोंक नदी में पुल का निर्माण हो जाता है, तो लोगों की दूरी प्रखंड मुख्यालय सहित इस्लामपुर की दूरी काफी कम हो जायेगी. दूसरी ओर छत्तरगाछ की दूरी भी कम हो जायेगी,
जिससे लोगों को काफी सहूलियत हो जायेगा. इलवाबाड़ी निवासी अलीमुद्दीन, बुढ़ीगच्छ निवासी शाकिर आलम, पिपलबाड़ी निवासी डा अजीज अहमद, रमजान अली तथा साजिद आलम सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि सुखाड़ में तो हम लोग किसी तरह चचरी पुल से नदी पार कर लेते हैं.
बरसात के समय 30 किमी की दूरी तय करना पड़ता है
लेकिन बरसात में हम लोगों को 30-35 किमी की दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि विगत 26 वर्षों से उक्त पुल निर्माण की मांग जनप्रतिनिधि सहित प्रशासन से किया जा रहा है.
परंतु आश्वासन ही मिला. नतीजा सिफर निकला, पूर्व मुखिया मो असलम, पूर्व उपप्रमुख सादिक आलम, पूर्व प्रमुख उचित लाल ने बताया कि यहां से लगभग सभी दल के नेता जीत कर विधान सभा पहुंचे हैं. चुनाव के समय तो नेताजी पुल निर्माण के नाम पर वोट लेते हैं. चुनाव जीतने के बाद किये गये वायदों को भूल जाते हैं. इस बार जो पुल बनायेगा उसी को देंगे वोट.