किशनगंज : पूरे विश्व में रविवार को धूमधाम के साथ मदर्स डे मनाया गया. इस मौके पर संतानों ने मां की ममता, प्यार व स्नेह के प्रति आभार प्रकट करने के लिए उन्हें तरह तरह के भेंट दिये.
इस मौके पर प्रभात खबर टीम ने स्थानीय सदर अस्पताल पहुंच रविवार को मां बनने वाली महिलाओं से मिल उनके विचार जानने की चेष्टा की. इस क्रम में कटिहार जिला के डंडखोरा निवासी अभय यादव की धर्मपत्नी यामिनी देवी ने पुत्र रत्न की प्राप्ति की. इस शुभ घड़ी में उनकी खुशी दोगुनी हो चुकी थी. परंतु यामिनी के साथ किसी अन्य महिला परिजन के न होने के कारण सदर अस्पताल में तैनात नर्सो सहित अन्य कर्मियों ने परिजनों की भूमिका निभाई तथा मिठाइयां बांटी.
यामिनी ने कहा कि मां बनना एक सुखद अहसास है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. वहीं बहादुरगंज प्रखंड के बेलबाड़ी निवासी महेश कुमार की धर्मपत्नी सुनिता देवी, शमदा निवासी महमूद अली की पत्नी मनावरी खातुन, गोरधप्पा निवासी विश्वायोगन की पत्नी पुन्नी योगन व शमदा किशनगंज के निवासी साकिर आलम की पत्नी सबीना खातुन ने भी मदर्स डे के दिन अपने अपने संतानों को जन्म देकर मातृत्व सुख प्राप्त किया.
* बच्चों को देख नहीं पसीजा मां का दिल, घर से निकाला
किशनगंज : एक ओर जहां मां के त्याग, प्यार व बलिदान को लेकर पूरे विश्व में मदर्स डे मना एवं मां के प्रति सम्मान प्रकट किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर शहर के सिंघिया स्थित एक मां के द्वारा अपने अपने डेढ़ वर्षीय संतान सहित अन्य 5 बच्चों को घर से निकालने का मामला प्रकाश में आया है.
सिंघिया निवासी मो कटलू ने अपनी बेटी नूर बानो उर्फ नूरी की शादी लगभग 20 वर्ष पूर्व अलीगढ़ निवासी छोटे मियां पिता भुल्लन पहलवान के संग कर दी थी. छोटे मियां का अलीगढ़ में बक्सा बनाने का कारोबार था. दोनों गृहस्थ जीवन सुखमय चल रहा था. इस बीच कटलू एक दिन अचानक अलीगढ़ पहुंच गया तथा अपनी बेटी नूरी को साथ सिंघिया ले आया.
लगभग 2 माह बाद जब छोटे मियां अपनी पत्नी को वापस लेने आया तो कटलू ने बेटी को वापस भेजने से साफ इनकार कर दिया. इधर डेढ़ वर्षीय बेटे को मां का प्यार न मिलने से वह बीमार रहने लगा. नतीजतन छोटे मियां पुन: अपने ससुराल आया परंतु ससुर ने अपने बेटे के साथ मिल कर उसकी पिटाई कर दी और उसे पुन: भगा दिया. थक हार कर छोटे अपने सारे बच्चों के संग इस उम्मीद से पुन: सिंघिया पहुंचा कि शायद अपने छोटे छोटे बच्चों को देख मां का दिल पसीज जाये और वह वापस अलीगढ़ लौट जाये. परंतु सारे बच्चों को घर से निकाल दिया.
6 बच्चों के साथ विकलांग छोटे न्याय की गुहार लेकर गांव में प्रत्येकपरिवार के पास पहुंचा. परंतु उसकी मदद किसी ने नही की. रविवार को जब उसने बच्चों सहित स्थानीय थाने पहुंच पत्नी को वापस भेजने की गुहार लगायी तो वहां भी उसे लौटा दिया गया. लाचार और बेवस छोटे आज पत्नी को वापस देने की मांग को लेकर मारा मारा फिर रहा है.