किशनगंज : किशनगंज लोकसभा सीटों पर चुनाव संपन्न होने के बाद सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. इन्हीं वोटों के आधार पर हार-जीत का फैसला भी होगा. यह तय है कि अब वोटों में कोई बदलाव मुमकिन नहीं है. इसके बावजूद मतदान प्रक्रिया निपटते ही दिमागी गणित लगना शुरू हो गया है.
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प्रत्याशियों की तकदीर इवीएम में हो गयी बंद
किशनगंज : किशनगंज लोकसभा सीटों पर चुनाव संपन्न होने के बाद सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. इन्हीं वोटों के आधार पर हार-जीत का फैसला भी होगा. यह तय है कि अब वोटों में कोई बदलाव मुमकिन नहीं है. इसके बावजूद मतदान प्रक्रिया निपटते ही दिमागी गणित लगना शुरू हो गया […]
समीकरण बन-बिगड़ रहे हैं. किसी के पास क्षेत्र का आंकड़ा है तो कोई जाति-धर्म की गणना में लगा है. सबका हिसाब दुरुस्त है और मतगणना तक इसका सिलसिला यूं ही चलता रहेगा.
मतगणना 23 मई को होगी
मतगणना 23 मई को होनी है. यानी, परिणाम जानने के लिए लगभग डेढ़ माह से ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा. पर, प्रत्याशियों, उनके समर्थक और आम लोगों ने मतदान पूर्ण होने के बाद ही हार-जीत का गणित लगाना शुरू कर दिया. कई विधान सभ क्षेत्रों में जातियों और धर्म का फैक्टर ज्यादा प्रभावी दिखा.
जबकि कहीं-कहीं क्षेत्र के मुद्दे और प्रत्याशी का कार्य-व्यवहार हार-जीत का कारण बन सकता है. इसी लिहाज से तमाम लोगों ने अपना-अपना अंदाजा लगाना शुरू कर दिया है. अब तो मतगणना तक हार जीत के समीकरण पर चर्चा होती रहेगी.
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