किशनगंज : ओडीएफ कार्य मे शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने संबंधी पत्र निर्गत होने के बाद जिले के सभी प्रखंडों सहित जिला मुख्यालय के शिक्षक खासे नाराज हैं. खुले में शौच की निगरानी करने की जिम्मेवारी शिक्षक क्यों उठाये.ऐसे कार्यों के वजह से शौक्षणिक कार्य प्रभावित होगा.बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष रागिबुर्र रहमान ने इस आदेश पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि बिहार सरकार के विभागों में ही एकरूपता नही है.
क्योंकि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने इस बात को काफी पहले स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त रखा जाए.उनके पत्रांक विविध 35/15 अंश क 1068 दिनांक 22/09/2016 के द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कहा गया है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत किसी भी शिक्षक को दस वर्षीय जनगणना, आपदा सहाय और चुनाव के अलावा किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य मे नही लगाया जाए.
पत्र में साफ रूप से अंकित होने के वावजूद स्थानीय स्तर पर शिक्षा विभाग तथा अन्य प्रशासनिक विभाग द्वारा शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य मे लगाना खेद जनक है. इस तरह का मामला भविष्य में देखने को मिलता है तो प्रतिनियुक्ति अवधि का वेतन शिक्षा विभाग भुगतान नही करेगा तथा जिस स्तर के अधिकारी द्वारा इस आदेश की अवहेलना की जाएगी शिक्षक को वेतन देने की जिम्मेवारी भी उसी की होगी. तथा आगे से इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा.इतने कड़े निर्देश के वावजूद जिले में कुछ समय के अंतराल पर शिक्षकों की गैर शैक्षणिक कार्य मे लगाने संबंधी निर्देश जारी किए जाते हैं जी सर्वथा अनुचित है.श्री रहमान ने कहा प्रखंडों से निर्गत आदेश को तुरंत वापस लेकर आगे से ध्यान रखा जाए कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य मे नहीं लगाया जाये.