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निगम से ही खरीदना होगा अब लघु खनिज

नयी बिहार लघु खनिज नियमावली 2017 किशनगंज : बिहार लघु खनिज नियमावली 2017 के अनुसार अब राज्य के भीतर का लघु खनिज या राज्य के बाहर का लघु खनिज सीधे खदान से मंगा कर नहीं बेचा जा सकता है़ किशनगंज जिले में जिले की नदियों से निकलने वाले बालू के अलावे पश्चिम बंगाल स्थित सिलीगुड़ी […]

नयी बिहार लघु खनिज नियमावली 2017

किशनगंज : बिहार लघु खनिज नियमावली 2017 के अनुसार अब राज्य के भीतर का लघु खनिज या राज्य के बाहर का लघु खनिज सीधे खदान से मंगा कर नहीं बेचा जा सकता है़ किशनगंज जिले में जिले की नदियों से निकलने वाले बालू के अलावे पश्चिम बंगाल स्थित सिलीगुड़ी घोषपोकुड़ के खदानों से निकलने वाले गिट्टी, बालू, बेडमिशाली और पाकुड़ गिट्टी का उपयोग होता है़ अब इन सभी लघु खनिज को खनिज निगम व बफर डिपो से लघु खनिज के थोक व्यापारी के रूप में लघु खनिज के फुटकर विक्रेता व ठेकेदार को बेचेगा.
सरकारी कार्य विभाग को भी खनिज निगम से ही लघु खनिज खरीदना होगा. यदि कोई ठेकेदार किसी सरकारी भवन पुल पुलिया या सड़क बनाने का ठेका लेता है तो पहले वह अपने सुविधा के अनुसार सीधे खदान संवेदक, क्रेशर मालिक, वाहन मालिक या सप्लायर जो उसे बेहतर सुविधा व सेवा प्रदान करता था उससे वह गिट्टी, बालू, बेडमिशाली आदि लघु खनिज की आपूर्ति प्राप्त करता था़ लेकिन नयी व्यवस्था के तहत अब ठेकेदार को सरकार द्वारा तय किये गये दर व भुगतान की प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए खनिज निगम के बफर डिपो से ही आपूर्ति लेना होगा़
अब ठेकेदार सरकार द्वारा तय किये गये दर व भुगतान का करेंगे अनुसरण
इ चालान ही होगा मान्य
राज्य के भीतर या राज्य के बाहर या राज्य होकर किसी लघु खनिज का आयात, निर्यात, परिवहन या पारागमन किया जाता है तो वाहन के साथ इ चालान रहना अनिवार्य है़ इ चालान नहीं रहने पर वाहन चालक एवं संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध नियमावली के अधीन आरोपित बनाया जायेगा़
नियम का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान
बिहार लघु खनिज नियमावली 2017 के तहत नियमावली के अधीन किसी खनन पट्टा या खुदरा विक्रेता, अनुज्ञप्ति धारी, किसी शर्त का उल्लंघन करता है, लघु खनिज का उल्लंघन करता है, अवैध रूप से विक्रय आयात या निर्यात करता है, वाहन की क्षमता से अधिक लघु खनिज का परिवहन करता है, अवैध रूप से किसी प्लांट, मशीनरी या क्रशर स्थापित करता है तो उसे पांच वर्षों का कारावास एवं एक लाख से पांच लाख या इससे भी अधिक जुर्माना देना पड़ सकता है़
जांच में बाधा या हमला करने पर होगी कार्रवाई
अक्सर देखा गया है कि किसी भी नियम को सख्ती से लागू करने में लागू करने वाले संबंधित पदाधिकारी को माफियाओं के कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है़ लघु खनिज नियमावली में नये नियम के तहत यदि कोई फुटकर विक्रेता खनन पदाधिकारी को जांच में सहयोग नहीं करता है और व्यवधान पैदा करता है या किसी लघु खनिज लदे वाहन की जांच के दौरान धमकी या बाधा पहुंचाया जाता है या हमला किया जाता है तो सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में नये नियम के तहत आरोपित को न्यूनतम 3 वर्ष से 5 वर्ष का कारावास एवं एक लाख से 5 लाख या इससे भी अधिक जुर्माना वसूला जा सकता है़

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