किशनगंज : पर्यावरण को सुरक्षित रखना सबका समान दायित्व है.पर्यावरण सुरक्षित रखे बगैर पृथ्वी पर जीवन सुरक्षित नहीं रह सकता. आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चिंतित है. व्यवहार न्यायालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार का अध्यक्ष सह जिला व सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह के नेतृत्व में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया.
जिला व सत्र न्यायाधीश के हवाले से जिला विधिक सेवा प्राधिकार का सचिव प्रवाल दत्ता ने कहा कि जिस प्रकार से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है उस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले निकट भविष्य में जीवन खतरे में पड़ जायेगा. उन्होंने कहा कि हर नागरिक अपने जीवन काल में एक वृक्ष लगावे तो पर्यावरण संतुलित बना रहेगा़ उन्होंने कहा कि पर्यावरण से छेड़छाड़ का नतीजा है कि कहीं भूकंप, बाढ़ तो कहीं सुखाड़ की स्थिति बनती रहती है.
न्यायालय परिसर में गोल्ड मोहर, जेहरूल, पेल्टोफार्मा, महोगनी, सागवान, पुत्रजीवा, मोलेशरी, नीम आदि के 30 से अधिक वृक्ष लगाये गये. पौधरोपण कार्यक्रम में जिला व सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह सहित परिवार न्यायालय का जज केशव मूर्ति तिवारी, एडीजे पारसनाथ राय, एडीजे सत्येंद्र पांडेय, सीजेएम पन्ना लाल, एसीजेएम पुष्पम कुमार झा, एसीजेएम द्वितीय सह सचिव विधिक सेवा प्राधिकार प्रवाल दत्ता, एसीजेएम तृतीय रूम्पा कुमारी,
न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक कुमार मिश्रा, न्यायिक दंडाधिकारी फिरोज अकरम, न्यायिक दंडाधिकारी अरविंद कुमार दास, न्यायिक दंडाधिकारी पुनीत कुमार तिवारी, न्यायिक दंडाधिकारी धमेंद्र कुमार, सदस्य उषा किरण, लोक अभियोजक सत्य नारायण साहा, अधिवक्ता संघ का अध्यक्ष नुरूस सोहेल, दीपक शर्मा, वन परिसर पदाधिकारी सत्येंद्र पासवान, ईश्वरी देवी ने हिस्सा लिया एवं पौधरोपण की. कार्यक्रम को सफल बनाने में लोक अदालत का कर्मी राजीव दीक्षित एवं तौसीफ आलम सहित न्यायालय के सभी कर्मी की भूमिका सराहनीय रही.
बुद्धिजीवियों ने दी राय
जैन समाज के सचिव राज कुमार जैन ने कहा कि सरकारी स्तर से पॉलीथिन निर्माण को पूर्णत: बंद कर देना चाहिए़ दिन प्रतिदिन पॉलीथिन से बनी वस्तु का उपयोग शादी समारोह आदि में व्यापक रूप से हो रहा है जो समाज व पर्यावरण के लिए घातक हो रहा है़
पॉलीथिन का उपयोग मानव जाति के लिए जानलेवा है़ पॉलीथिन को छोड़ कागज, कपड़ा, जूट का उपयोग करने से पर्यावरण सुरक्षित रहेगा़ साथ ही जूट व कपड़ा लघु उद्योग की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव दिखेगा़ आज से ही संकल्प ले कि पॉलीथिन का उपयोग नहीं करेंगे़
अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह ने कहा कि हम लोगों की भी जिम्मेवारी है कि पर्यावरण को बचाने में अपनी महती भूमिका निभाये़ं बढ़ते पॉलीथिन के उपयोग से पर्यावरण पर इसका प्रतिकूल असर दिख भी रहा है़ तेज गरमी, समय पूर्व वर्षा आदि इसका दुष्परिणाम है़
पॉलीथिन के दुष्परिणाम के प्रति सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा आम लेागों को जागरूक करने की जरूरत है़ बहुत हद तक जागरूक होते हुए भी सभ्य लोगों की मानसिकता में भी बदलाव की आवश्यकता है.
पॉलीथिन बैग का चलन बढ़ा है़ अब समय आ गया है कि इसे बंद किया जाये़ इसके उपयोग के बाद उसका असर शहर के नाला व नदियों पर साफ दिखेगा़ पॉलीथिन बैग एक ओर तो जल्दी नष्ट नहीं होता है, दूसरा जल निकासी में भी व्यवधान उत्पन्न होता है़
सरकारी स्तर से पॉलीथिन के दुष्परिणाम के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए़ पॉलीथिन से बने कप, प्लेटों पर गर्म चीजे खाने व पीने से कैंसर का खतरा 50 गुणा अधिक बढ़ जाता है़ पॉलीथिन निर्माण को पूर्णत: बंद करना चाहिए़
बंगाल के कई शहरों में पॉलीथिन बैग पर पूर्णत: रोक लगा दी गयी है़ नगर परिषद द्वारा प्लास्टिक रिसाइक्लिंग प्लांट लगाने की दिशा में कदम उठानी चाहिए़ सरकार को चाहिए कि पॉलीथिन से बने बैग, कप, प्लेट आदि के निर्माण को पूर्णत: बंद करना चाहिए़
पॉलीथिन के उपयोग के बाद फेंकने से पॉलीथिन नाला, नदी में जमा होता है़ जिससे थोड़ी वर्षा होने से नदी व नाले में उफान आ जाता है़. हम लोगों को भी एकजुट होकर पर्यावरण व समाज हित के लिए जागरूक होकर पॉलीथिन बैग का उपयोग आज से ही छोड़ देना चाहिए़