परेशानी. नावों को जोड़ कर बनाये गये जुगाड़ पुल भी गिन रही अंतिम सांसें, जल्द होगा बंद
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इस साल भी नहीं बन पायेगा डुमरी पुल
परेशानी. नावों को जोड़ कर बनाये गये जुगाड़ पुल भी गिन रही अंतिम सांसें, जल्द होगा बंद नावों को जोड़ कर बनाये गये जुगाड़ पुल अंतिम सांसें गिन रहा है. इस बरस भी डुमरी पुल पर आवागमन शुरू होने का सपना पूरा होना मुश्किल है. बेलदौर : 15 जुलाई 2017 तक की समय सीमा में […]
नावों को जोड़ कर बनाये गये जुगाड़ पुल अंतिम सांसें गिन रहा है. इस बरस भी डुमरी पुल पर आवागमन शुरू होने का सपना पूरा होना मुश्किल है.
बेलदौर : 15 जुलाई 2017 तक की समय सीमा में डुमरी पुल की मरम्मत कार्य पूरा नहीं हो पायेगा. कार्य एजेंसी ने हाथ खड़े करते हुए विभाग को इसकी सूचना दे दी है. लिहाजा, इस बरस भी डुमरी पुल पर आवागमन शुरू होने का सपना पूरा होना मुश्किल है. ऐसे में फिर एक बार लाखों जिदंगी के आवागमन पर संकट उत्पन्न होने की प्रबल संभावना उत्पन्न हो गयी है. कारण डुमरी पुल क्षतिग्रस्त पहले से है. नावों को जोड़ कर बनाये गये जुगाड़ पुल अंतिम सांसें गिन रहा है. ऐसे में आखिर में नाव का सहारा ही बचता है. जिसके सहारे आजादी से अब तक कोसी की गोद में बसी हजारों की जिंदगी रेंग रही है.
सरकार की बेरुखी से बिलख रही लाखों की आबादी : 29 अगस्त 2010 में कोसी नदी पर बना डुमरी पुल टूट गया था. तब से लेकर अब तक गंगा सहित कई नदियों पर नये पुल बन गये लेकिन कोसी की लाइफलाइन डुमरी पुल के क्षतिग्रस्त दो पाये का मरम्मत का काम पूरा नहीं हो पाया है. पहले सरकार की बेरुखी के कारण बरसों तक लाखों की आबादी आवागमन का संकट झेलती रही.
अब कार्य एजेंसी की लापरवाही के कारण कोसी क्षेत्र के लोग बिलखने को विवश हैं. सरकार द्वारा तय 15 जुलाई 2017 की समय सीमा समाप्त होने को डेढ़ महीने शेष बचे हैं लेकिन काम की स्थिति को देख कर इस साल भी काम पूरा होना मुश्किल है. हालांकि कार्य एजेंसी के अधिकारी भी कुछ इसी तरह की बातें कर रहे हैं.
स्टील पाइल ब्रिज के नाम पर 17 करोड़ बहे : डुमरी पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद 2011 में करीब 17 करोड़ की लागत से स्टील पाइल ब्रिज का निर्माण करवाया गया लेकिन वह भी कोसी की तेज धारा में बह गया. तब से लेकर अब तक नावों को जोड़ कर हर साल जुगाड़ पुल बना कर किसी तरह साल के चार -पांच महीने काम चलाया जा रहा है.
बाकी दिनों में नावों के सहारे ही लाखों की आबादी आवागमन करने को विवश है. सरकार से लेकर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सात बरसों से डुमरी पुल के क्षतिग्रस्त भाग का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. जिसका खामियाजा कोसी क्षेत्र की लाखों की आबादी को भुगतना पड़ रहा है. अभी तक डुमरी पुल मरम्मत के पहले चरण का काम पूरा हो पाया है. दूसरे चरण में एनपी टू के गटर एवं पीयर टेबुल का कार्य पूरा किया जाना है.
ढाई साल के बाद भी काम पूरा नहीं
सेतु के क्षतिग्रस्त पाये एवं 9 स्पेन को तोड़कर हटाने के बाद इस हिस्से को स्टे केबुल ब्रीज तकनीक से पुल का निर्माण कर इसको दुरुस्त करने की कवायद बीते नवंबर 2014 से ही चल रही है. ढाई वर्ष बीत जाने के बाद भी मरम्मत कार्य पूरा नहीं किया जा सका है. इसके कारण आवागमन की विकट संकट झेल रहे लोगों के बीच असंतोष गहराता जा रहा है. निर्माणाधीन स्टे केबुल ब्रिज के लिये कार्य एजेंसी दो पाये का निर्माण कर इसके पायलन के कार्य को 5 मीटर तक कर चुकी है.
27 मीटर तक पायलन का निर्माण किया जाएगा. इसके बाद इन्हीं पायलन पर लगे केबुल से क्षतिग्रस्त हिस्से के बीच झुलते ब्रिज पर वाहन दौड़ेगी. कार्य स्थल पर प्रतिनियुक्त फिल्ड इंजीनियर गौरव कुमार ने बताया संभावित बाढ़ की अवधि 15 जून तक पुल के सतही कार्य में प्रयोग होने वाले गटर का ही कार्य पूरा हो पायेगा.
पुल के पहले चरण का कार्य पूरा हो चुका है. दूसरे चरण में एनपी टू के गटर एवं पियर टेबुल का कार्य पूरा किया जाना है. साथ ही एनपी वन पाये के ऊपर पायलन को और कंक्रीट करने का कार्य किया जाएगा. गटर, स्टेसिंग एवं केबुल का काम कर पुल को दुरुस्त करने में कम से कम छह माह से अधिक समय लगेगा.
केके रंजन, प्रोजेक्ट मैनेजर, एसपी सिंगला, कार्य एजेंसी.
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