जुल्म को जुल्म से नहीं मोहब्बत से किया जा सकता है समाप्त
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व्यवहार सेे दुश्मन भी बन जाते हैं दोस्त
जुल्म को जुल्म से नहीं मोहब्बत से किया जा सकता है समाप्त मानवता की सेवा करना ही है पुण्य का कार्य 26 हाफिजों को किया गया सम्मानित खगड़िया : जमियत उलेमा हिन्द के 33वें आम अधिवेशन की शुरुआत अजमेर में हुई. सूफी संत के जिला स्तरीय सम्मेलन के दौरान जमियत उलेमा हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष […]
मानवता की सेवा करना ही है पुण्य का कार्य
26 हाफिजों को किया गया सम्मानित
खगड़िया : जमियत उलेमा हिन्द के 33वें आम अधिवेशन की शुरुआत अजमेर में हुई. सूफी संत के जिला स्तरीय सम्मेलन के दौरान जमियत उलेमा हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमीर उल हिन्द हजरत मौलाना कारी सैयद मोहम्मद उसमान ने कहा कि आग आग से नहीं पानी से बुझायी जाती है. इसी तरह जुल्म को जुल्म से नहीं मोहब्बत से समाप्त किया जाता है. सूफी संतों ने हमेशा मानवता के नाम पर सभी के साथ अच्छाई का संदेश दिया है. आपसी भाईचारा का संदेश भी दिया है. मानवता की सेवा ही पुण्य का कार्य है. व्यवहार को ऐसा बनायें कि दुश्मन भी दोस्त बन जायें. गैर भी अपने बन जायें.
सम्मेलन के दौरान जमियत उलेमा हिन्द के प्रांतीय महासचिव मौलाना मोहम्मद नाजिम, मुक्ति मोहम्मद, नेमतुल्लाह कासमी, जिलाध्यक्ष सैयद मो खालिद नजमी, जिला महासचिव कारी मोहम्मद सरफराज आलम, जिला सचिव मो. अमजद नजीर, अब्दुल वाजिद मौलाना मुर्तजा, मौलाना रहमतुल्लाह कासमी, आदि ने अपने विचार व्यक्त किये.
जामियां दारुल सलाम मदरसा इस्लामपुर में आयोजित सूफी संत के सम्मेलन के बाद दस्तारबंदी की गयी. इस दौरान दारुल सलाम के मैदान में 26 हाफिजों को सैयद मो उसमान, सैयद मो, खालिद नजमी ने हाफिज का प्रमाण पत्र दिया. हाफिजों को पाग पहनाकर सम्मानित किया. मौके पर सैकड़ों लोग मौजूद थे.
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