फलका : जिले के फलका प्रखंड के सोहथा दक्षिण पंचायत के फलका बाजार के रहने वाली रूमा श्रीवास्तव ने सारे बंधन को तोड़ कर समाज में निरक्षरों को साक्षर बनाने में अलख जगा कर एक मिसाल कायम की है. फलका की महिलाएं किसी भी सरकारी दफ्तर में अंगूठे का निशान नहीं लगती है. बल्कि गर्व से हस्ताक्षर करती है. रूमा श्रीवास्तव छह साल पूर्व जब साक्षर भारत में केआरपी पद पर कार्यरत हुई तो उन्हें परिवार व समाज का ताना सुनना पड़ा. क्योंकि इस पर कोई भी सरकारी राशि नहीं मिलती है.
इस पद पर निःशुल्क कार्य करने का प्रावधान है, पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और समाज में निरक्षरता दूर करने के लिए दिन रात मेहनत करने लगी प्रति दिन गांव-गांव जाकर लोगों को साक्षर बनाने की प्रेरणा देने लगी. अपनी पत्नी की हिम्मत और जज्बे को देख कर पति भानू लाल प्रताप ने भी अपने पत्नी के साथ पंचायत में वरीय प्रेरक बन कर समाज के निरक्षरों को साक्षर बनाने में जुट गये. रूमा श्रीवास्तव समाज में निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए दिन रात मेहनत करती हैं.
इन के अलावा शराब बंदी व अन्य सामाजिक कार्यो में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती है. उन्होंने तालमी मरकज टोला सेवक के केन्द्रों पर जाकर निरक्षरों को प्रोत्साहित कर प्रबोधन भी करती रहती है. वही रूमा श्रीवास्तव बताती हैं कि इस कार्य को करने में मुझे काफी आनंद मिलती है. आज फलका प्रखंड में काफी लोग साक्षर हो गये हैं. मुझे इस कार्य को करने के लिए मेरे पिता कपिल प्रसाद अम्बष्ट ने काफी प्रोत्साहित किया है. हालांकि शुरू में ससुराल वालों को मेरा यह कार्य पसंद नहीं आ रहा था, पर पति के साथ देने से सब ठीक ठाक हो गया. हालांकि शुरू-शुरू में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. पर इस पुनीत कार्य में अब सभी साथ हैं. उन्होंने बताया की साक्षरता दिवस पर 2016 में मुझे साक्षर भारत के द्वारा उत्क्रिस्ट कार्य के लिए परसस्ति पत्र से नवाजा गया है.