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गोगरी नगर पंचायत में करोड़ों का गोलमाल!

गोगरी नगर पंचायत में करोड़ों का गोलमाल! -नगर पंचायत अध्यक्षा की शिकायत पर नगर विकास विभाग ने लिया एक्शन -डीएम ने डीडीसी को दिया जांच के आदेश, नगर पंचायत में मचा हड़कंप -कागजी मिलान में हेराफेरी में संलिप्त कर्मचारी, देर शाम तक चल रहा काम -मामला मार्च 2016 से पूर्व 200 से अधिक डस्टबीन की […]

गोगरी नगर पंचायत में करोड़ों का गोलमाल! -नगर पंचायत अध्यक्षा की शिकायत पर नगर विकास विभाग ने लिया एक्शन -डीएम ने डीडीसी को दिया जांच के आदेश, नगर पंचायत में मचा हड़कंप -कागजी मिलान में हेराफेरी में संलिप्त कर्मचारी, देर शाम तक चल रहा काम -मामला मार्च 2016 से पूर्व 200 से अधिक डस्टबीन की खरीद में गोलमाल का -बिना निविदा के ही नियम को ताक पर रख मनपसंद कंपनी को दिया सप्लाई का ठेका -निर्धारित मूल्य का भी नहीं रखा ख्याल, 22 लाख से अधिक का कर दिया भुगतान -सही जांच हो तो करोड़ों के गोलमाल पर से हटेगा परदा, फंसेंगे अधिकारी, कर्मी व बिचौलिया ————-नगर पंचायत गोगरी की अध्यक्षा की शिकायत पर नगर विकास विभाग के पत्र के आलोक में डीडीसी को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. नगर पंचायत अध्यक्ष रंजीता कुमारी निषाद ने बोर्ड की बैठक एवं सशक्त स्थाई समिति की बैठक पंजी में छेड़छाड़ की शिकायत की थी. : जय सिंह, डीएम, खगड़िया. —————–मुझे किसी जांच के आदेश के बारे में जानकारी नहीं है. अभी तो बाढ़ राहत कार्य में लगे हुए हैं. इतना जरूर कहना चाहती हूं कि नगर पंचायत में किसी भी योजना के क्रियान्वयन में गड़बड़ी के सारे आरोप बेबुनियाद है.: पूनम कुमारी, प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत, गोगरी. —————–गोगरी नगर पंचायत में नियम को ताक पर रख कर करोड़ों की खरीदारी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत पर नगर विकास विभाग ने डीएम को पत्र भेज कर जांच का आदेश दिया है. जिसके आलोक में डीएम जय सिंह ने डीडीसी को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. इसके बाद गरदन फंसने के डर से गोगरी नगर पंचायत में हड़कंप व्याप्त है. —————रणवीर/गोगरी. नगर पंचायत में नियम को ताक पर रख कर करोड़ों की डस्टबीन खरीदारी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत पर डीएम ने जांच के आदेश दिये हैं. नगर पंचायत अध्यक्ष रंजीता कुमारी निषाद व अन्य वार्ड पार्षद की शिकायत पर नगर विकास विभाग ने डीएम को पत्र लिखकर जांच का आदेश दिया है. जिसके आलोक में डीएम ने डीडीसी अब्दुल बहाव अंसारी को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. डीएम के आदेश से गोगरी नगर पंचायत में हड़कंप व्याप्त है. बताया जाता है कि पूरे मामले की गहन जांच हो तो अधिकारी, कर्मचारी व बिचौलिये के गठजोड़ से करोड़ों की योजना में बड़े पैमाने पर हेराफेरी में कई गरदन फंसने की प्रबल संभावना है. ——————गोगरी नगर पंचायत में मची खलबली पूरा मामला नगर विकास विभाग तक पहुंचने के बाद जांच के आदेश से गोगरी नगर पंचायत कार्यालय में हड़कंप व्याप्त है. बताया जाता है कि गरदन बचाने के लिए ये पुरानी फाइलों को अपटूडेट करने का काम जोरों पर है. ताकि कागजी मिलान कर घोटाले पर परदा डाला जा सके. सूत्रों की मानें तो देर शाम तक अधिकारी व कर्मी फाइल को दुरुस्त करने में व्यस्त रहते हैं. —————-क्या है पूरा मामलानगर पंचायत गोगरी में खरीदी गई तीन कूड़ा ढोने वाली गाड़ी को बैठक में निर्णय लिए बगैर सफाई करने वाले एनजीओ को दिया गया. कार्यालय के जेसीबी एवं चलंत शौचालय को मनमाने तरीके से भाड़ा पर लगाने पर भी सवाल उठाये गये हैं. इसके अलावा सरकारी धन से सूमो गोल्ड वाहन की खरीदारी में मनमानी बरतते हुए बिना निविदा निकाले ही निबटा दिया गया. वर्ष 2015-16 में जितनी भी योजनाओं का कार्यान्वयन किया गया, उसमें पूर्व सशक्त स्थाई समिति अथवा अध्यक्ष का अनुमोदन नहीं लिया गया. एनजीओ के माध्यम से नियुक्त कनीय अभियंताओं की सेवा समाप्ति बाद भी अभिकर्ता नियुक्त कर गोलमाल किया गया. चर्चा यह भी है कि मार्च 2016 से पूर्व 200 से अधिक डस्टबीन की खरीद में मनमाने तरीके से बिना निविदा के ही किसी खास कंपनी को नामित कर 22 लाख से अधिक का भुगतान भी कर दिया गया. आरोप के अनुसार हाउस टू हाउस डस्टबीन खरीद में गुणवत्ता का अभाव व ट्रैक्टर खरीद में गोलमाल की चर्चा है.

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