बिसनपुर में घर में निकला पानी.
खगड़िया : धीरे-धीरे ही सही अब गंगा व गंडक दोनों नदियों का जलस्तर घटने लगा है. जलस्तर में जहां 13 सेमी की कमी आयी है वहीं, बूढ़ी गंडक का जलस्तर 24 सेमी नीचे गया है. इन दोनों नदियों के जलस्तर में बीते चार से पांच दिनों से कमी आ रही है. इन दोनों नदियों के जलस्तर में कमी का असर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी साफ दिखने लगा है. यहां भी अब ऊंची जगहों से पानी निकलना शुरू हो गया है.
हजारों एकड़ फसल बरबाद, छह लोगों की हुई मौत
बाढ़ के कारण जान माल ही नहीं बल्कि फसलों को काफी नुकसान हुआ है. विभागीय जानकारी के मुताबिक गंगा व बूढ़ी गंडक के जलस्तर में हुई अप्रत्याशित वृद्धि के कारण खगड़िया, मानसी, गोगरी तथा परबत्ता प्रखंड में हजारों एकड़ में लगी धान, मक्के, केले, सहित अन्य फसलें बरबाद हुई है.
जिला स्तर पर राज्य स्तर पर भेजी गयी रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ के कारण 12 हजार 824.85 हैक्टेयर खेतों में लगी फसल बरबाद हुई है. रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ के कारण 95 गांवों के 2 लाख 79 हजार 1 सौ की आबादी प्रभावित हुई है. इसमें 65 हजार से अधिक लोग बाढ़ से पूर्ण रूप से प्रभावित हुए हैं. 63 हजार 408 लोग राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं, जबकि अन्य लोग अब भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में फंसे हुए हैं.
फसलों एवं मनुष्य के साथ साथ इन चारों प्रखंडों में 57 हजार पशु भी बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस बाढ़ में छह लोगों की डूबने से मौत हुई, जबकि तीन पशुओं के भी मरने की रिपोर्ट राज्य आपदा विभाग को भेजी गयी है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन के लिए 160 नौका चलायी जा रही है, जबकि 11 मोटर वोट के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ की टीम को भी तैनात किया गया है.
अपर समाहर्ता ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को दो तटबंध के टूटने की जानकारी भेजी है. जानकारी के अनुसार एडीएम ने परबत्ता प्रखंड के चकप्रयाग रिंग बांध तथा मानसी अंचल के पश्चिमी ठाठा अवस्थित बख्तियार पुर के पास जमीनदारी बांध के टूटने की रिपोर्ट भेजी है.