गड़बड़ी . पंचायती राज विभाग ने डीएम को लिखा पत्र
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पूर्व पीओ पर होगी कार्रवाई
गड़बड़ी . पंचायती राज विभाग ने डीएम को लिखा पत्र पंचायती राज विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने डीएम को पत्र लिखकर सोलर लाइट व फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले पूर्व सदर प्रखंड के पीओ पर करने करने का आदेश दिया है. सोलर लाइट का मामला बीते कई वर्षों से चर्चा का […]
पंचायती राज विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने डीएम को पत्र लिखकर सोलर लाइट व फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले पूर्व सदर प्रखंड के पीओ पर करने करने का आदेश दिया है. सोलर लाइट का मामला बीते कई वर्षों से चर्चा का विषय बना हुआ है. सोलर लाइट मामले में जिले के सभी प्रखंडों में विभागीय नियमों की अनदेखी की गयी है.
खगड़िया : सोलर लाइट मामले में व प्रखंड के पूर्व पीओ के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर राज्य स्तर से निर्देश जारी किया गया है. पंचायती राज विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी मृणायक दास ने डीएम को पत्र लिखकर इन दोनों मामलों में कार्रवाई करते हुए विभागी सचिव को प्रतिवेदन भेजने को कहा है. उल्लेखनीय है कि सोलर लाइट का मामला बीते कई वर्षों से चर्चा का विषय बना हुआ है.
सोलर लाइट मामले में जिले के सभी प्रखंडों में विभागीय नियमों की अनदेखी की गयी है. जिला परिषद कार्यालय के सक्षम पदाधिकारी द्वारा आरटीआइ के तहत दी गयी सूचना में इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि जिले के किसी भी पंचायत में विभाग द्वारा चयनित कंपनी का सोलर लाइट नहीं लगाया गया है. पंचायत स्तर पर स्थानीय कर्मी तथा प्रतिनिधियों ने मनमाने तरीके से लाइटे की क्रय की तथा इसे लगवाया. सोलर लाइट लगाने के मामले में छह वर्ष पूर्व पंचायती राज विभाग ने सभी जिलों में बेल्ट्रान ब्रांडेड कंपनी का ही सोलर लाइट खरीद कर उसे पंचायतों में लगाने का निर्देश दिया था.
सोलर लाइट लगाने में बरती गयी अनियमितता के खुलासे के बाद जिले के आरटीआइ कार्यकर्ता शैलेंद्र सिंह तरकर ने राज्य स्तर पर जिले के उच्च पदाधिकारियों के विरुद्ध दोषियों पर कार्रवाई नहीं किये जाने की शिकायत की थी. इन्होंने राज्यपाल को आवेदन देकर यह शिकायत की थी कि जिले के किसी भी प्रखंड में ब्रेडा तथा बेल्ट्रान कंपनी की सोलर लाइट नहीं लगायी गयी है. कार्रवाई के नाम पर उच्च पदाधिकारियों ने सिर्फ कुछ दोषियों के विरुद्ध सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया है. अब भी कई दोषियों पर राशि वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस दर्ज नहीं कराया गया है. दिये आवेदन में यह भी कहा है कि दोषी कर्मियों व पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई आरंभ नहीं की गयी है.
लंबित है वारंट
सरकारी राशि की वसूली में भी उदासीनता बरतने का आरोप लगाया है. सरकारी राशि नहीं के बराबर वसूली किये जाने की शिकायत करते हुए इन्होंने यह भी बताया कि सरकारी धनराशि वसूली के लिए 942 वारंट लंबित है. इन पर करीब 10 करोड़ रुपये का बकाया है. सदर प्रखंड के पूर्व पीओ राजकुमार चौधरी के विरुद्ध कार्रवाई को लंबित रखने का आरोप लगाते हुए शिकायत कर्ता ने यह शिकायत राज्य पाल से की है कि उक्त पीओ फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहा है, लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. राज्यपाल कार्यालय के द्वारा इस शिकायत को पहले पंचायती राज विभाग में भेजा गया था. जिसके बाद पंचायती राज विभाग ने डीएम को इस मामले में पत्र लिखा है.
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