बेलदौर : डुमरी पुल के मरम्मति कार्य मे जुटी कार्य एजेंसी के कर्मी तीव्र गति से काम कर रहे हैं. ताकि बाढ़ से पहले क्षतिग्रस्त पुल के दोनों पाया का निर्माण पूर्ण किया जा सके. वेल फाउंडेशन का काम समय पर पूरा नहीं किये जाने के बाद एजेंसी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
हालांकि कार्य की गति के कारण इसकी संभावना कम नजर आती है. कर्मी दिन रात काम को पूरा करने में जुटे हैं. इसका नतीजा है कि 23 फरवरी को पहले पाया का निर्माण के लिए प्रारंभ किये गये वेल फाउंडेशन के काम को इतनी तेजी से किया गया कि पहले पाया एवं दूसरे पाया के कुआं का 32 मीटर गहराई तक कंक्रीट करने का काम पूरा कर लिया गया है.
इस संदर्भ में कार्य एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर केके रंजन ने बताया कि लगभग 35 मीटर गहराई तक कुआं के कंक्रीट करने का काम पूरा हो जाने पर संभावित बाढ़ के खतरे से इसे सुरक्षित माना जायेगा.
15 मई तक बनाया जायेगा पाया: स्थिति सामान्य रही तो 15 मई तक दोनों पाया के वेल फाउंडेशन का काम पूरा कर लिया जायेगा. प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि 49.3 मीटर गहराई तक वेल फाउंडेशन का काम किया जाएगा. वहीं उन्होंने हो रहे वेल फाउंडेशन कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि कुआं के एक लिफ्ट के 2.2 मीटर के निर्माण में 3-4 दिन का समय लग रहा है. गहराई बढ़ने के साथ ही इसकी अवधि भी बढ़ती जायेगी.
हालांकि पहले पाया के निर्माण में इसके बेस में बोल्डर के इकट्ठा रहने के कारण कार्य में काफी परेशानी हो रही है. बावजूद बाढ़ पूर्व बेल फाउंडेशन कार्य पूरा कर लेने के लिए कर्मी दिन रात काम कर रहे हैं. पाया निर्माण के लिए सिंकिंग का काम पूरा हो जाने पर दूसरे चरण का काम प्रारंभ हो जायेगा. वहीं तीव्र गति से पुल के मरम्मत किये जाने से परेशानियों के बीच नदी पार कर रहे लोगों को जल्द आवागमन संकटों से मुक्ति मिलने की आस जग उठी है.
लोगों के उम्मीद को पूरा करने के लिए कार्य एजेंसी को भी नफा नुकसान की परवाह किये बगैर निर्माण कार्यों में इसी तरह तेजी बरकरार रखते हुए हरसंभव कोशिश करनी होगी .
बाढ़ के दौरान लोगों को हो सकती है परेशानी
संभावित बाढ़ के दौरान जुगाड़ पुल की सेवा समाप्त होने पर लोगों को आवागमन संकटों से जूझना पड़ सकता है. उल्लेखनीय है कि 29 अगस्त 2010 में क्षतिग्रस्त हुए डुमरी पुल के मरम्मति को लेकर 22 नवंबर 2014 को एसपी सिंगला कार्य एजेंसी को कार्यादेश देकर 18 माह में कार्य पूरा करने के लिए विभाग द्वारा एग्रीमेंट कराया गया था. कार्य एजेंसी ने तत्परता दिखा कर दिसंबर के पहले सप्ताह में ही कार्यस्थल पर कैंप लगागर कार्य प्रारंभ कर दिया था.
ससमय कार्य प्रारंभ होने से लोगो में आस जगी थी कि कार्य एजेंसी ससमय कार्य पूरा कर पांच वर्ष से आवागमन का संकट झेल रहे लोगों को राहत देगी, लेकिन अब 18 माह बाद भी दो पाये का निर्माण कार्य भी पूर्ण नहीं किया जा सका. खुद कार्य एजेंसी भी पुल के क्षतिग्रस्त भाग के 290 मीटर हिस्से में दो पाया एवं तीन स्पेन से एक्ट्रा डोज स्टे केबुल ब्रिज तकनीक से मरम्मत कार्य 2017 में पूरा होने की बात स्वीकारती है.
ऐसे में कार्य एजेंसी की ठोस पहल से दोनों पाया के लिए वेल फाउंडेशन का कार्य संभावित बाढ़ से पूर्व हो जाने की प्रबल संभावना से आवागमन संकट से जूझ रहे लोगों में इससे मुक्ति की भी थोड़ी आस जग उठी है.
मुख्य बातें: दो माह में पहले व दूसरे पाया के निर्माण के लिए 32 मीटर गहराई तक वेल फाउंडेशन के सिंकिंग का कार्य पूर्ण किया गया है. दो माह के समय में कार्य एजेंसी ने नदी के सूखने एवं नदी की धारा को बदलने का असफल प्रयास किय. लोहे का पुल बनाकर नवंबर में ही कार्य प्रारंभ किया गया होता,
तो संभावित बाढ़ के पूर्व वेल फाउंडेशन के अलावा पाया निमार्ण का भी काम हो जाता. नफा नुकसान के चक्कर में कार्य एजेंसी ने दो माह से अधिक का समय गंवा दिया. इसके पूर्व भी कार्यादेश मिलने के बावजूद कार्य एजेंसी 1 अप्रैल 2015 तक पुल पर हो रहे अस्थाई परिचालन बंद होने की आस में सुस्त गति से कार्य करती रही.