एलपीसी अपलोड की रफ्तार पर लगी रोक
एलपीसी अपलोड की रफ्तार पर लगी रोक
जिले के सभी आरटीपीएस पर यदि नजर दौड़ायी जाय तो यह बात सामने आती है कि स्वीकृत एलपीसी के विरुद्ध सिर्फ 20 प्रतिशत एलपीसी ही वेबसाइट पर अपलोड हो पाती है. आन लाइन एलपीसी सत्यापन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
खगड़िया : लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के तहत आरटीपीएस में जमा होने वाले एलपीसी शत प्रतिशत वेबसाइट पर अपलोड नहीं हो रहा है. एक तरह से एलपीसी के अपलोड पर ब्रेक लग गई है. इससे आवेदकों को परेशानी तो हो ही रही है साथ ही एलपीसी के आन लाइन सत्यापन में एड़ी चोटी एक करनी पड़ती है.
अलौली, बेलदौर, गोगरी व परबत्ता आरटीपीएस में अब तक वेबसाइट पर एलपीसी अपलोड नहीं किया जा सका. जबकि खगड़िया में सिर्फ 26 एलपीसी अपलोड कर उपस्थिति दर्ज की गई है. हालांकि, मानसी आरटीपीएस में 241 एवं चौथम आरटीपीएस में सर्वाधिक 779 एलपीसी वेबसाइट पर अपलोड किया गया है.
जानकारी के अनुसार 1 जुलाई 15 से दिनांक 31 दिसंबर 2015 तक स्वीकृत 5000 एलपीसी के विरूद्ध 1046 एलपीसी ही बेवसाइट पर अपलोड किया गया. जिले के सभी आरटीपीएस पर यदि नजर दौड़ाई जाए तो यह बात सामने आती है कि स्वीकृत एलपीसी के विरूद्ध 20 प्रतिशत एलपीसी ही वेबसाइट पर अपलोड हो पाता है. जिसके कारण आवेदकों को आन लाइन एलपीसी सत्यापन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
घर बैठे नहीं हो पाता सत्यापन : प्रशासन की यह कोशिश है कि eblocks.bih.nic.in नामक वेबसाइट पर शत प्रतिशत एलपीसी अपलोड हो ताकि आवेदक घर बैठे एलपीसी डाउनलोड कर उसका सत्यापन कर सके. लेकिन प्रशासन का यह प्रयास अब तक पूरी तरह धरातल पर नहीं उतर सकी है. 18 फरवरी 2016 को निवर्तमान डीएम साकेत कुमार ने जब वेबसाइट पर अपलोड एलपीसी की समीक्षा की तो यह बात सामने आयी कि करीब 20 प्रतिशत ही एलपीसी वेबसाइट पर अपलोड हो पाता है.