खगड़िया : लोगों की गुहार अब अधिकारियों के कार्यालयों में दम नहीं तोड़ेगी. जन शिकायतों का निष्पादन अब एक निर्धारित समय सीमा के अंतर होगी. शिकायतों को दबाने अथवा लंबित रखने वाले जांच पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. एक मई से राज्य के सभी जिलों में लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2016 लागू हो रहा है. इस अधिनियम के तहत प्राप्त होने वाले जन शिकायत अब अधिकारी के कार्यालयों में धूल नहीं फांकेगी.
क्योंकि उन्हें एक नियम समय सीमा के अंदर लोगों से प्राप्त शिकायत की जांच करनी पड़ेगी. जानकार बताते हैं अगर जांच में कोताही बरती जाती है तो शिकायतकर्ता की शिकायत पर जांच पदाधिकारी पर जुर्माना भी लगाया जायेगा. विभागीय सूत्र के मुताबिक जन शिकायत के तेजी से निबटारे तथा लोगों को ससमय न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा एक मई से लेाक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2016 लागू किया जा रहा है,
जो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जा रहा है. इसे लागू करने करने के लिए जिला स्तर पर बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लगातार पत्र लिखे जा रहे है. जानकार बताते हैं कि अभी इस अधिनियम को लेकर राज्य सरकार द्वारा संकल्प जारी नहीं किया गया है, जिस कारण बहुत कुछ स्प्ष्ट नहीं है यह स्पष्ट भी नहीं है कि लोगों के शिकायतों की जांच कितने समय में हेागी तथा समय पर जांच पूरा नहीं करने वाले पदाधिकारियों पर कितना जुर्माना लगेगा,
लेकिन जो चर्चा है उनके अनुसार लोक शिकायत निवारण के तहत प्राप्त होने वाले शिकायतों की जांच 15 दिनों के अंदर किया जाना है. विभागीय जानकारी के मुताबिक आवेदन लेने के लिए जिला स्तर पर तथा दोनों अनुमंडलों में काउंटर बनाये जायेंगे. यानी इस जिले में तीन काउंटर बनाये जायेंगे. इन तीनों काउंटरों पर ऑपरेटर की बहाली जल्द की जायेगी. न्यायालय तथा आरटीपीएस से संबंधित शिकायतें इस काउंटर पर जमा नहीं होंगे. इसके अलावा अन्य सभी शिकायतें यहां की जा सकती है.
यहीं से संबंधित विभाग के पास जांच व कार्रवाई के लिए भेजा जायेगा . जानकारों की माने तो अवकाश के दिन को छोड़ कर प्रत्येक दिन इस काउंटर पर आवेदन लिये जायेंगे. इस अधिनियम के लागू हो जाने से वैसे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जो अपनी शिकायतों को लेकर लगातार अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर तो लगाते है,
लेकिन उनकी शिकायत की जांच समय पर नहीं हो पाती है. वैसे भी इस जिले में जन शिकायत के निष्पादन की स्थिति अच्छी नहीं है महीनों बीत जाते है पर जांच नहीं हो पाती है. सूत्र की माने तो अभी भी 10 हजार आवेदन प्रखंड से लेकर जिला स्तर के अधिकारी के कार्यालय में महीनों से लंबित है और लोग परेशान हो रहे है.