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जिले के शराबियों की होगी पहचान

कवायद . नशा मुक्त समाज बनाने के लिए विभाग व प्रशासन ने कसी कमर शराब छोड़ने के बाद होने वाली परेशानियों से निजात दिलाने में नशा मुक्ति केंद्र रामबाण साबित होगा. शराब छोड़ने के बाद आदतन शराबी की मानसिक स्थिति बिगड़ने की आशंका रहती है. इससे बचाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र में इलाज की […]

कवायद . नशा मुक्त समाज बनाने के लिए विभाग व प्रशासन ने कसी कमर
शराब छोड़ने के बाद होने वाली परेशानियों से निजात दिलाने में नशा मुक्ति केंद्र रामबाण साबित होगा. शराब छोड़ने के बाद आदतन शराबी की मानसिक स्थिति बिगड़ने की आशंका रहती है. इससे बचाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र में इलाज की पूरी व्यवस्था रहेगी. इसी कड़ी में फिलहाल सदर अस्पताल में दस बेड का नशा मुक्ति केंद्र शुरू किया जायेगा.
खगड़िया : एक अप्रैल से शराब बंदी के एलान बाद होने वाली परेशानी व शराबियों की जिंदगी बचाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र सदर अस्पताल में खोला जायेगा, जहां शराब से मुक्ति व उसके बाद होने वाले शारीरिक परेशानी से निजात के लिए इलाज की व्यवस्था रहेगी. उधर, गांव-गांव व गली-गली के शराबियों की पहचान कर सूची तैयार किया जायेगा.
इसके आधार पर ऐसे लोगों को नशा मुक्ति केंद्र में भरती करा कर शराब की आदत से निजात दिलवाया जायेगा.गांव-गांव में शराबियों की पहचान कर सूची तैयार होगा. इसके लिये आशा, विकास मित्र, जीविका कर्मी आदि को शराबियों को ढूंढने की जिम्मेदारी दी गयी है. आशा को अपने-अपने इलाके में स्थानीय लोगों व समुदाय से पूछताछ के आधार आदतन शराबी व्यक्तियों की पहचान करने के लिए आशा को प्रशिक्षण दी जायेगी. जिसकी मदद से आदतन शराबी की पहचान करने में आसानी होगी. जिसके बाद ऐसे लोगों को सलाह देने, जरूरत पड़ने पर नशा मुक्ति केंद्र में भरती करवा कर शराब की आदत से छुटकारा दिलाया जायेगा. इसके लिये आवश्यक इलाज की भी व्यवस्था रहेगी.
प्रधान सचिव ने दिया निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिख कर जिलों में डि-एडिक्शन के लिए आदतन शराबी व्यक्ति की पहचान करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है. राज्य सरकार ने सूबे को नशा मुक्त बनाने के लिए कृत संकल्प लिया है.
इसके लिये सभी जिला अस्पताल में डि-एडिक्शन सेंटर (नशा मुक्ति केंद्र) खोला जायेगा. यहां आदतन शराबी व्यक्ति की पहचान कर, उसकी सूची तैयार करने व उनके सलाह देकर शराब छोड़ने के लिए प्रेरित करने व इलाज की व्यवस्था रहेगी. ग्रामीण इलाकों में आदतन शराबी व्यक्तियों की पहचान करने का दायित्व डीएम को सौंपा गया है. इस काम में डीएम स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागों का सहयोग ले सकते हैं.

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