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फोरम ने शाखा प्रबंधक पर लगाया आर्थिक दंड

दंड की राशि प्रबंधक के वेतन से काट कर भुगतान का निर्देश मामला यूनियन बैंक मिल रोड ब्रांच के उपभोक्ता को परेशान करने का खगड़िया : सेवा में त्रुटि एवं उपभोक्ताओं को परेशान करने के आरोप में जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया मिल रोड ब्रांच के शाखा प्रबंधक पर आर्थिक दंड […]

दंड की राशि प्रबंधक के वेतन से काट कर भुगतान का निर्देश

मामला यूनियन बैंक मिल रोड ब्रांच के उपभोक्ता को परेशान करने का
खगड़िया : सेवा में त्रुटि एवं उपभोक्ताओं को परेशान करने के आरोप में जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया मिल रोड ब्रांच के शाखा प्रबंधक पर आर्थिक दंड लगाया है. दंड की राशि शाखा प्रबंधक के वेतन से काट कर भुगतान करने का आदेश बैंक के वरीय पदाधिकारी को दिया गया है. इस संबंध में जहांगीरा गांधी टोला निवासी प्रमोद कुमार भारती ने उपभोक्ता संरक्षण फोरम में यूनियन बैंक, मिल रोड ब्रांच के शाखा प्रबंधक के विरुद्ध परिवाद पत्र दाखिल किया था.
इसमें शिकायत की गयी थी कि परिवादी यूनियन बैंक शाखा के केसीसी उपभोक्ता है. जो 80 हजार ऋण लिये थे. ऋण राशि बढ़ाने के लिए बराबर बैंक से आग्रह किया गया. बैंक द्वारा जमीन मॉरगेज कटाने के लिए उपभोक्ता को सुझाव दिया गया. परिवादी द्वारा जमीन मॉरगेज कर दिया गया. बैंक द्वारा तीन लाख रुपये देने का आह्वान दिया गया , लेकिन मात्र दो लाख चौतीस हजार रुपये ही स्वीकृति किया गया. जिसमें पूर्व का बकाया भी सूद सहित काट लिया गया . मात्र एक लाख रुपये बैंक द्वारा परिवादी को दिया गया. बिना सूचना बैंक द्वारा 1 लाख 34 हजार रुपये वापस ले लिया गया. शेष राशि अभी तक परिवादी के खाते में वापस नहीं किया गया.
बैंक का लगाता रहा चक्कर
शिकायत कर्ता बराबर बैंक दौड़ते दौड़ते थक गया. लेकिन कोई संतोषजनक परिणाम नहीं निकला . निराश होकर परिवादी ने एवं परिवाद पत्र में उपभोक्ता फोरम में दाखिल किया . फोरम ने तथ्यों की जांच के बाद विपक्षी शाखा प्रबंधक को सेवा में त्रुटि पाकर 20 हजार रुपये शारीरिक एवं मानसिक यातना के लिए एवं 5000 रुपये वाद खर्च तथा एक लाख चौतीस हजार रुपये सूद सहित आज से दो महीने के अंदर भुगतान करने का आदेश दिया गया है.
उक्त राशि विपक्षी को 60 दिन के अंदर उक्त राशि 9 प्रतिशत साधारण व्याज के साथ भुगतान करने का आदेश दिया गया है. सबसे महत्व पूर्ण इस निर्णय में बात यह है कि उक्त राशि तत्कालीन विपक्षी के वेतन से इस किस्तों में परिवादी को भुगतान करने का आदेश दिया गया है. इस निर्णय फोरम के अध्यक्ष विपिन बिहारी, लाल सदस्या डॉ रीता रानी एवं सदस्य रमेश चंद्र खंडेलिया ने सुनाया .

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