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जांच शुरू होने से पहले ही उठने लगे सवाल

जांच शुरू होने से पहले ही उठने लगे सवाल फर्जी प्रसव मामले के लिए जांच टीम गठितप्रभात खबर फॉलोअप ———–सिविल सर्जन ने डोर टू डोर जांच के लिये गठित टीम द्वारा निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं -अलौली के ही हेल्थ एजुकेटर करेंगे फर्जी प्रसव मामले की जांच-दो सदस्यीय जांच टीम में अलौली पीएचसी के स्वास्थ्य […]

जांच शुरू होने से पहले ही उठने लगे सवाल फर्जी प्रसव मामले के लिए जांच टीम गठितप्रभात खबर फॉलोअप ———–सिविल सर्जन ने डोर टू डोर जांच के लिये गठित टीम द्वारा निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं -अलौली के ही हेल्थ एजुकेटर करेंगे फर्जी प्रसव मामले की जांच-दो सदस्यीय जांच टीम में अलौली पीएचसी के स्वास्थ्य प्रशिक्षक -डयूटी से गायब पांच डॉक्टर सहित 11 कर्मियों का कटा वेतन-सिविल सर्जन के निरीक्षण के दौरान प्रसव के नाम पर फर्जीवाड़े पर से उठा परदा -अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरिपुर के निरीक्षण के दौरान पकड़ाया फर्जी प्रसव का खेल-अस्पताल में मरीज थे ही नहीं, रजिस्टर में दर्ज था पांच महिलाओं का प्रसव कोटनिरीक्षण के दौरान फर्जी प्रसव का खुलासा होने के बाद गुरुवार को दो स्वास्थ्य प्रशिक्षक राम सज्जन यादव व राम हिलिस चौधरी को जांच कर तीन दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है. साथ ही ड्यूटी से अनुपस्थित पांच चिकित्सक व छह कर्मियों का वेतन काट दिया गया है. फर्जी प्रसव मामले के जांच के बाद चिकित्सकों की एक टीम गठित की जायेगी. जिसमें एसीएमओ , डीआइओ व चिकित्सा पदाधिकारी डोर टू डोर पहुंच कर जांच करेंगे. – डॉ रासबिहारी सिंह, सिविल सर्जन. ——————–प्रतिनिधि, खगड़ियाफर्जी प्रसव की जांच हुई तो बड़ा खुलासा हो सकता है. इधर, फर्जी प्रसव के खेल के खुलासा बाद सीएस द्वारा गठित टीम पर जांच शुरू होने से पहले से सवाल उठने लगे हैं. सबसे बड़ा सवाल है कि फर्जी प्रसव मामले में दो स्वास्थ्य प्रशिक्षक भी आरोपों के घेरे में हैं. और सिविल सर्जन द्वारा गठित टीम में भी दो स्वास्थ्य प्रशिक्षक ही हैं. अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरपुर में फर्जी प्रसव के मामले में पीएचसी के दो स्वास्थ्य प्रशिक्षक को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. फर्जी तरीके से रजिस्टर में इंट्री कर जननी बाल सुरक्षा योजना में गोलमाल की आशंका के बाद सीएस द्वारा गठित जांच टीम पर लोगों ने आशंका व्यक्त की है. लोगों ने बताया कि इतनी गंभीर मामले की जांच पीएचसी के दो स्वास्थ्य प्रशिक्षक को देना मामले पर परदा डालने जैसा है. इधर सीएस ने बताया कि स्वास्थ्य प्रशिक्षक के जांच के बाद एसीएमओ व डीआइओ सहित तीन सदस्यीय टीम का गठन कर जांच करायी जायेगी. दोषी कर्मी के विरुद्ध अविलंब कार्रवाई की जायेगी.ड्यूटी से गायब रहते हैं डाॅक्टर बाबू अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त चिकित्सक ड्यूटी करने से परहेज करते हैं. इस बात का खुलासा सीएस के औचक निरीक्षण के दौरान हुई. पीएचसी से डॉक्टर मुकेश कुमार, डॉ केके गुप्ता, डॉ जितेंद्र कुमार गायब मिले. यही कारण है कि सीएस ने पीएचसी के तीनों चिकित्सक से स्पष्टीकरण के साथ वेतन काटने का आदेश प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी आरएन चौधरी को दी है. इतना हीं नहीं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरपुर में कार्य कर रहे डॉ विभा कुमारी व डॉ किरण कुमारी भी ड्यूटी से गायब मिले. इन दोनों आयुष चिकित्सक का भी सीएस ने वेतन काटने का आदेश दिया है. क्या था मामला फर्जी प्रसव के खेल से उस वक्त परदा हटा जब सिविल सर्जन डॉ रासबिहारी सिंह अलौली स्थित विभिन्न अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे थे. सात दिसंबर को हुए निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरिपुर के प्रसव रजिस्टर में सुबह 5 : 30 बजे से नौ बजे तक(करीब साढ़े तीन घंटे में) पांच प्रसव दर्ज था. लेकिन प्रसूता अस्पताल में मौजूद नहीं थी. सीएस ने बताया कि निरीक्षण के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि वहां प्रसव हुआ ही नहीं था. बीएचटी भी नहीं था. डिस्चार्ज रजिस्टर में भी प्रविष्टि नहीं किया गया था. प्रसव के पूर्व रजिस्टर में मात्र एक प्रसव था. इससे जाहिर होता है कि जननी बाल सुरक्षा योजना में गोलमाल की नियत से फर्जी प्रसव की प्रविष्टि की गयी. सभी एपीएचसी के प्रसव की होगी जांचजिले के सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में होने वाले प्रसव की जांच करायी जायेगी. सीएस ने बताया कि बहादुरपुर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच के बाद अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की भी जांच करायी जायेगी.

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