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सात दिनों के अंदर सामने आयेगा सच

सात दिनों के अंदर सामने आयेगा सच चिकित्सक-आशा प्रकरण की जांच के लिए गठित कमेटी सात दिनों में देगी जांच रिपोर्ट एसीएमओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम कर रही जांच मामला आशा द्वारा चौथम पीएचसी के प्रभारी को बंधक बना कर हंगामा का आशा के आरोप के घेरे में आये चिकित्सक ने […]

सात दिनों के अंदर सामने आयेगा सच चिकित्सक-आशा प्रकरण की जांच के लिए गठित कमेटी सात दिनों में देगी जांच रिपोर्ट एसीएमओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम कर रही जांच मामला आशा द्वारा चौथम पीएचसी के प्रभारी को बंधक बना कर हंगामा का आशा के आरोप के घेरे में आये चिकित्सक ने चौथम से मुक्त करने के लिये भेजा पत्र प्रतिनिधि, खगड़ियाचौथम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ अरुण कुमार सिंह व आशा के बीच हुए विवाद का सच सामने आ जायेगा. प्रभारी सीएस डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि आशा द्वारा लगाये गये आरोप की बिंदुवार जांच करने सहित चिकित्सक से पूछताछ करने के बाद पूरे मामले का सच सामने आने की उम्मीद है. इसके आधार पर दोषी के खिलाफ सख्त कदम उठाये जायेंगे. बता दें कि बीते शनिवार को चौथम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का अतिरिक्त प्रभार देख रहे चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरुण कुमार को बंधक बना कर हंगामा मामले की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया गया है. प्रभारी सिविल सर्जन डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने एसीएमओ डॉ मीरा सिंह के नेतृत्व में तीन चिकित्सकों की टीम को सात दिनों के अंदर पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. मुझे चौथम से मुक्त किया जाये इधर, आशा के आरोप के घेरे में आने के बाद डॉ अरुण कुमार सिंह ने सिविल सर्जन को पत्र भेज कर चौथम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभार से मुक्त करने का अनुरोध किया है. प्रभारी सीएस डॉ प्रसाद ने कहा कि पत्र के आलोक में सरकारी नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. जब तक किसी चिकित्सक की तैनाती नहीं हो जाती, तब तक डॉ अरुण कुमार ही चौथम पीएचसी के प्रभार में रहेंगे. तीन घंटे तक कमरे में बंद रहे थे डॉक्टर बाबू चौथम प्राथमिक स्वास्थ्य का अतिरिक्त प्रभार देख रहे गोगरी रेफरल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरुण कुमार सिंह को आशा ने तीन घंटे तक कमरे में बंद रख जोरदार हंगामा किया था. सीओ व थानाध्यक्ष ने मौके पर पहुंच पूरे मामले की जांच का आश्वासन देकर मामला शांत कराया था. 50 हजार कमीशन मांगने का आरोप आशा ने डॉ अरुण कुमार सिंह पर प्रति प्रसव अवैध उगाही देने सहित लंबित पेमेंट के एवज में कमीशन मांगने का आरोप लगाया था. एक आशा ने कहा कि आखिर पसीने की कमाई के पेमेंट में कमीशन किस बात का देते. इसी कमीशन के चक्कर में तीन साल से पेेमेंट फंसा कर रखा गया. ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो गया है. प्रखंड में कुल 136 आशा कार्यरत हैं. कोट————-आशा द्वारा लगाये जा रहे सारे आरोप मनगढ़ंत हैं. चौथम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित एक चिकित्सक ने अपनी मरजी चलाने के लिये यह सब कराया है. डॉ अरुण कुमार सिंह, अतिरिक्त प्रभारी, चौथम पीएचसी. ————–एसीएमओ के नेतृत्व में तीन चिकित्सकों की टीम को सात दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है. डॉ राजेंद्र प्रसाद, प्रभारी सिविल सर्जन

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