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नहीं हुई 52 मुखिया व पंचायत सचिवों से राशि की वसूली

खगड़िया : जिले के 52 पंचायतों के मुखिया एवं पंचायत सचिवों से राशि की वसूली नहीं की गई है. लगभग तीन वर्ष पहले ही 52 पंचायतों के मुखिया से 13वीं वित्त योजना की राशि वसूली करने का निर्देश जिला स्तर से जारी किया गया था. लेकिन अबतक इस योजना की राशि की वसूली नहीं हो […]

खगड़िया : जिले के 52 पंचायतों के मुखिया एवं पंचायत सचिवों से राशि की वसूली नहीं की गई है. लगभग तीन वर्ष पहले ही 52 पंचायतों के मुखिया से 13वीं वित्त योजना की राशि वसूली करने का निर्देश जिला स्तर से जारी किया गया था. लेकिन अबतक इस योजना की राशि की वसूली नहीं हो पाई है.

डीएम ने 13वीं वित्त आयोग की राशि मुखिया एवं पंचायत सचिव से वसूली करने का निर्देश सभी बीडीओ को दिया था. जिसका अनुपालन तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं किया गया है. विभागीय जानकारी के मुताबिक 18 जून 2012 को जिला स्तर पर आयोजित जिला समन्वय समिति की बैठक में तत्कालीन डीडीसी ने डीएम को यह जानकारी दी थी कि जिले के 52 पंचायतों में 13वीं वित्त आयोग की राशि को चयनित योजना की जगह विभिन्न योजना में खर्च की गई है.

इस योजना की राशि को चयनित योजना पर ही खर्च करना था. डीडीसी की बातों को गंभीरता से लेते हुए डीएम धर्मेन्द्र सिंह ने बैठक में ही सभी बीडीओ को चयनित योजना की जगह विभिन्न योजनाओं पर राशि खर्च करने वाले मुखिया एवं पंचायत सचिव से राशि वसूली करने का निर्देश दिया था.

प्राथमिकी दर्ज करने का दिया गया था आदेश18 जून 2012 को आयोजित समन्वय समिति की बैठक के प्रोसिडिंग के आलोक से स्पष्ट है कि डीएम ने 52 मुखिया एवं पंचायत सचिव से योजना की राशि वसूली के लिए पहले नोटिस जारी करने का निर्देश बीडीओ को दिया था. डीएम ने स्पष्ट शब्दों में राशि जमा नहीं करने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश बीडीओ को दिया था. जानकारी के मुताबिक प्रखंड स्तर से आरोपी मुखिया तथा पंचायत सचिव को नोटिस जारी हुआ था.

लेकिन वसूली नहीं हो पायी. लगाये गये थे सोलर लाइट जानकार बताते हैं कि 13वीं वित्त आयोग की राशि से पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण कराया जाना था. लेकिन इसके विपरीत इस योजना की करोड़ों राशि अन्य कार्य में खर्च कर दिये गये. कहते हैं डीडीसीइधर पूछे जाने पर डीडीसी अब्दुल बहाव अंसारी ने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें नहीं है. मामला पुराना है. फाइले देखने के बाद ही वे कुछ कह सकते हैं.

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