मानसी : जिले में खेलों का मक्का समझे जाने बाले मानसी में आजादी के पूर्व से ही खेल की संस्कृति रही है. यहां से कई खिलाड़ियों ने अपनी खेल प्रतिभा के दम पर देश ही नही विदेश में भी अपनी पहचान बनायी. बहुत सारे ऐसे खिलाड़ी हैं जो उचित सुविधा व प्रशिक्षण के अभाव में आगे नहीं बढ़ पाते हैं.
इस छोटे से प्रखंड में खिलाडि़यों की प्रतिभाओं को देखते हुए यहां स्टेडियम व साईं सेंटर की आवश्यकता वर्षों से महसूस की जा रही है. पूर्व के खेल मंत्री द्वारा प्रत्येक प्रखंडों में स्टेडियम निर्माण कराने की घोषणा की गयी थी. जिससे खिलाड़ियों में खुशी की लहर दौड़ गयी थी. लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई कार्य नही होता देख सभी खिलाड़ियों में मायूसी है.
हिरोज क्लब के खिलाड़ी रोशन गुप्ता का कहना हैं की वर्ष 1936 से ही मानसी में फुटबॉल खेल का माहौल है, लेकिन आजतक किसी भी जनप्रतिनिधि ने स्टेडियम निर्माण की जरूरत नहीं समझी. पूर्व मंत्री की घोषणा भी ठंडे बस्ते में चली गयी.
खिलाड़ी विनय कुमार का कहना है की रेलवे के इस छोटे मैदान में महिला व पुरुष दोनो खिलाड़ी एक साथ अभ्यास करते हैं. अगर स्टेडियम बन जाता है तो आने वाले नई पीढ़ी में खेलों के प्रति और ज्यादा रूझान आयेगा. वर्तमान सरकार से स्थानीय खिलाड़ियों को अपेक्षा है. स्थानीय जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान देंगे, तो जल्द सपना साकार हो सकता है.